- सीयूजीएल का कहना पुल के नीचे से गुजर रही है मेन लाइन

- सेतु निगम ने सर्वे कर संबंधित विभागों से मांगे हैं एस्टीमेट

BAREILLY:

किला पर बनने वाले नये समानान्तर ओवरब्रिज पर सीयूजीएल ने रोड़ा अटका दिया है। दरअसल, फिजिबिल्टी सर्वे का काम पूरा करने के बाद संबंधित विभागों से एस्टीमेट मांगे हैं। सीयूजीएल ने एस्टीमेट सौंपने की बजाय अपनी प्रॉब्लम्स जता दी है। सीयूजीएल अधिकारियों का कहना है कि किला पुल के नीचे से उनकी मेन लाइन गुजर रही है। लिहाजा, पाइप लाइन कहीं और शिफ्ट करना सम्भव नहीं है।

ओवरब्रिज के पास से जा रही सीएनजी लाइन

सेतु निगम को एक हफ्ते पहले सौंपे रिपोर्ट में सीयूजीएल ने कहा है कि किला ओवरब्रिज से होकर उनकी सीएनजी की मेन लाइन जा रही है। जिससे मिनी बाइपास और स्वालेनगर सीएनजी पम्प को गैस सप्लाई हो रही है। ऐसे में किला पर बनने वाले नये समानान्तर ओवरब्रिज से पाइप लाइन डैमेज हो सकती है। वहीं ओवरब्रिज के दोनों तरफ इतनी घनी आबादी है कि नई पाइप लाइन बिछाने में काफी दिक्कत होगी।

हालांकि, बीच का कोई रास्ता निकालने के लिए सेतु निगम और सीयूजीएल अधिकारी जुटे हैं। इसके लिए एक बार ज्वॉइंट सर्वे करने की बात कही है। ताकि, एक साथ मिलकर कोई उपाय निकाला जा सके। हालांकि, यह ज्वॉइंट सर्वे भी औपचारिकता मात्र होगी। क्योंकि, मेन सीएनजी पाइप लाइन को कही और शिफ्ट करना काफी मुश्किल है। यदि, किसी तरह मेन सीएनजी लाइन शिफ्ट भी होती है, तो स्वालेनगर और मिनी बाइपास सीएनजी पम्प की सर्विस कम से कम दो महीने के लिए बंद करनी पड़ेगी।

चार विभागों से मांगा गया है एस्टीमेट

किला पर बनने वाले नये समानान्तर ओवरब्रिज का फिजिबिल्टी सर्वे का काम सेतु निगम ने बहुत पहले ही पूरा कर चुका है। फिजिबिल्टी सर्वे के बाद चार विभागों से एस्टीमेट मांगा गया हैं। इनमें रेलवे, बीडीए, जलकल और सीयूजीएल शामिल हैं। इनमें से सीयूजीएल और जलकल ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। जिसमें से सीयूजीएल ने अपनी असमर्थता जताई है, तो जलकल डिपार्टमेंट ने 5 लाख रुपए का एस्टीमेट बनाकर सेतु निगम को सौंपा है।

850 मीटर बनना है नया ओवरब्रिज

बता दें कि किला पर नया ओवरब्रिज 850 मीटर लम्बा बनना हैं। जो कि वर्तमान ओवरब्रिज से 190 मीटर लम्बी होगी। नए पुल की ऊंचाई पुराने पुल के बराबर रहेगी। बस रेलवे क्रॉसिंग पर नया पुल 10 मीटर ऊंचा बनेगा। दोनों ओवरब्रिज के बीच एक छोर से दूसरे छोर तक डेढ़ फीट का स्पेस रहेगा। जबकि, रेलवे क्रॉसिंग के पास दोनों पुल के बीच 3 फीट स्पेस दिया जाएगा। 30-30 मीटर 28 पिलर बनाए जाने का काम होगा।

फिजिबिल्टी सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। विभागों से एस्टीमेट मांगे गए हैं। जलकल डिपार्टमेंट और सीयूजीएल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जिसमें सीयूजीएल का कहना है कि पाइप लाइन हटाना सम्भव नहीं है।

सूरज कुमार गर्ग, प्रोजेक्ट मैनेजर, सेतु निगम

किला ओवरब्रिज से होकर हमारी सीएनजी की मेन लाइन गुजर रही है। जिससे दो पम्प को गैस जा रही है। पाइप लाइन शिफ्ट करना मुश्किल है। सेतु निगम ने ज्वॉइंट सर्वे करने की बात कही है।

प्रकाश जैन, इंचार्ज, सीयूजीएल