25 जुलाई से करो या मरो अनशन

बेदी ने कोयला खदानों के आवंटन में अनियमितता को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला जारी रखते हुए ट्वीट किया, 'पीएमओ ने प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दी। क्या महाभारत में कौरवों द्वारा द्रौपदी का चीर हरण की कोशिश करने के बाद भी धृतराष्ट्र ने उनका समर्थन नहीं किया था? बेदी ने कहा, 'प्रधानमंत्री और 14 कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ एसआईटी जांच के लिए 25 जुलाई से करो या मरो अनशन। दागी टीम हमें तत्पर और मजबूत अपराध न्याय प्रणाली नहीं दे सकती। बेदी के अनुसार, टीम अन्ना कांग्रेस पर इसलिए ध्यान केंद्रित कर रही है, क्योंकि यही संसद के जरिए एक प्रभावी भ्रष्टाचार निरोधी कानून दे सकती है, न कि विपक्ष।

कानून मंत्री की प्रतिक्रिया

बेदी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोयला खदानों के आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं के लिए कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने की टीम अन्ना की मांग खारिज कर दी है। बेदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, 'ऐसे कई प्रश्न है, जिनका पहले टीम अन्ना को जवाब देना होगा। मैं नहीं समझता कि उनके पास सवाल खड़े करने का अधिकार है। मैं नहीं समझता कि वे हमारे देश के लोकतंत्र में बहुत मददगार या अच्छा साबित हो रहे हैं।

समय पर देंगे उचित जवाब

खुर्शीद ने कहा, 'हम सभी ने महसूस किया कि उन्होंने एक अच्छे विचार के साथ शुरुआत की थी-भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का विचार या भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े करने का विचार। लेकिन अब वे इसे एक निजी अभियान और निजी महत्वाकांक्षा में तब्दील कर इस विचार को बहुत क्षति पहुंचा रहे हैं। खुर्शीद ने कहा कि देश उचित समय उन्हें उचित जवाब देगा।

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