-झाड़-फटका जैसे मामूली काम करने वालों ने किटी ने नाम पर कूटा मोटा पैसा

देहरादून, शहर में झाड़ू फटका करने, गली-मोहल्ले में सिम बेचने और मोबाइल रिपयरिंग की दुकान में काम करने वालों ने किटी का धंधा शुरू करके एजुकेटेट सोसायटी को करोड़ों का फटका लगाया और अपने लग्जरी शौक पूरे किये. ठगी के शिकार हुए पीडि़तों की तहरीर पर पुलिस ने ऐसे कुछ किटीबाजों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. हाल ही में पुलिस के हत्थे चढ़े इन किटीबाजों की हालत पहले क्या थी, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसकी तहकीकात की.

केस नंबर एक

सुनीता खत्री और पांच बेटियां

सुनीता खत्री का पति बेरोजगार था और पांच बेटियों के पालन-पोषण के लिए सुनीता घरों में झाड़ू पोछा लगाती थी. बड़ी बेटी एक कार शो रूम में काम करती थी. सुनीता ने लोगों को झांसे में लेकर किटी का काम शुरू किया. पैसा आने लगा तो बेटी ने जॉब छोड़ दिया. लोगों की गाढ़ी कमाई से ये परिवार अपने लग्जरी शौक पूरे करने लगा. सुनीता अपने पूरे परिवार को गोवा तक ले गई और कई दिनों तक वहां मौज-मस्ती की. बेटी की शादी में सुनीता ने पांच दिनों तक एक आलीशान वेडिंग प्वाइंट बुक कराया. दामाद को 9 लाख की बलेनो कार और महंगा फर्नीचर गिफ्ट किया. शादी पर करीब 40 लाख रुपए खर्च किये. सुनीता का परिवार आज भी किराए के मकान पर रहता है. जिसका किराया करीब 15 हजार है. सुनीता और उसकी पांच बेटी मीनाक्षी, मनीषा, माधुरी, मोना, और मानी के खिलाफ तीन थानों में मुकदमें दर्ज हैं. सुनीता अब जेल में है.

केस नंबर दो

पूनम कौर और साहिल

पूनम कौर पहले सिम बेचने का काम करती थी और उसका पति प्रॉपर्टी डीलर के यहां ऑफिस बॉय था. पूनम ने लोगों को झांसे में लेकर किटी का काम शुरू किया. मोटा पैसा आने लगा तो पूनम के पति साहिल उर्फ पुष्पेन्द्र ने नौकरी छोड़ दी. वह किटी के पैसों पर मौज-मस्ती करने लगा. पति और खुद के शौक पूरे करने के लिए स्कॉर्पियों, बुलेट, स्कूटी खरीदी. फ्री के पैसे से इतनी शराब पी ली कि पति का लीवर डैमेज हो गया और इलाज के दौरान मौत हो गई. पूनम ने पति के इलाज के नाम पर भी लोगों से पैसे लिए. पूनम भी अब जेल में है.

केस नंबर तीन

गुंजन और संदीप

गुंजन और संदीप दंपती सांई नाम से किटी चलाते थे. गुंजन के भाई की टेलरिंग की दुकान है और वह भाई की दुकान पर बुटीक का काम करती थी. संदीप चकराता रोड स्थित एक दुकान में मोबाइल रिपेरिंग का काम करता था. दोनों ने लोगों को झांसे में लेकर किटी का काम शुरू किया. इनकी दो बेटियां भी हैं. किटी के पैसे से कार, स्कूटी, बाइक खरीदी और बुटीक खोली. पैसा वापस न मिलने पर लोगों ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. अब दोनों सलाखों के पीछे हैं.

केस नंबर चार

साहिबा और निशान्त जैन

साहिबा जैन और निशान्त जैन के शौक के बारे में सुनकर आप चौंक जाएंगे. किटी के पैसों से पति-पत्नी ने मर्सिडीज, फॉर्चूनर, कार खरीदी और बांउसर भी रखे. पैसा आने के बाद लोगों को इन तक पहुंचने के लिए बाउंसर का सामना करना पड़ता था. एक बांउसर को एक साल तक वेतन नहीं दिया गया, तो उसने इनके खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज किया. इनका खुद का घर था. दोनों इस समय जेल में सजा काट रहे हैं.

केस नंबर पांच

भावना शर्मा फरार

भावना शर्मा के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज है और करोड़ों का चूना लगाने के बाद वह दून से फरार है. पीडि़तों का कहना है कि उसके भाई विदेश में रहते हैं. वहीं शिफ्ट हो गई है.

एंटी किटी फ्रॉड स्क्वायड

शहर में किटी ठगों के खिलाफ पीडि़तों ने हल्ला बोल कर दिया है. पीडि़तों ने मिलकर एंटी किटी फ्रॉड स्क्वायड बनाया है. ये स्क्वॉयड पीडि़तों तक पहुंचकर एफआईआर दर्ज करवाने के साथ ही पुलिस अधिकारियों से मिलकर फरार ठगों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास करने और शहर में किटी ठगों के खिलाफ लोगों का जागरूक करने जैसे काम कर रही है. इस स्क्वायड में जोहड़ी निवासी अनीता शास्त्री, देहराखास के रहने वाली नेहा पारिक, अमित पारिक शामिल हैं.