पटना (ब्यूरो)। शहर के विभिन्न अस्पतालों में आने वाले 30 फीसदी मरीज ऐसे हैं जो अर्थराइटिस से ग्रसित हैं। एक्सपर्ट की माने तो 10 फीसदी ऐसे मरीज को ज्वाइंट पेन हो रहा है जिनका उम्र 30 वर्ष से कम है। डॉक्टरों की माने तो ज्वाइंट पेन होने को नजरअंदाज करने वाले मरीज को अर्थराइटिस जैसी बीमारी हो रही है।  

लापरवाही पड़ रही भारी

हड्डी रोगविशेषज्ञों की माने तो ज्वाइंट पेन एक बड़ी समस्या है। जिसे पटनाइट्स नजर अंदाज कर रहे हैं। शरीर के किसी भी ज्वाइंट पर पेन होने से तत्काल इलाज कराना चाहिए। लापरवाही बरतने पर अर्थराइटिस ज्यादा परेशान करने लगेगा। हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ. सूरज सिन्हा ने बताया कि यह ऐसी बीमारी बन गई जो कम उम्र के लोगों में भी तेजी हो रहा है।

फीजियोथेरेपी से मिलती है राहत

अर्थराइटिस जैसी बीमारी फीजियोथेरेपी से दूर हो सकती है। साईं हेल्थ केयर एंड वेलनेस सेंटर के एमडी डाॅ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि खानपान और अनियमित दिनचर्या की वजह से यह बीमारी युवाओं में हो रही है। समय रहते  अगर युवा एक्सरसाइज करना शुरू कर दे तो बीमारी निजात मिल सकती है।

'अर्थराइटिस जैसी बीमारी होने पर मरीज कमजोर हो जाता है। इससे बचने के लिए लोगों दिनचर्या और जीवन शैली में परिवर्तन करना होगा। नहीं तो बीमारी बढ़ता ही जाएगा।'

- डाॅ. राजीव कुमार सिंह, फीजियोथेरेपिस्ट

'मरीज में प्रतिरोधात्मक शक्ति कम होने से अर्थराइटिस जैसे बीमारी हो रही है। कम उम्र के लोगों को गठिया जैसे बीमारी होने पर भी हो रहा है।'

-डाॅ. सुभाष चन्द्रा, डायरेक्टर, लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल

डरा रहे आंकड़ें

- अनियमित दिनचर्या की वजह से बढ़ रहा है बीमारी

- पटना के अस्पतालों में आने वाले 30 फीसदी मरीज है अर्थराइटिस ग्रसित

- पटना के विभिन्न अस्पतालों में प्रति दिन इलाज के लिए आते है 175 से 200 मरीज

- 30 साल के कम उम्र के 10 फीसदी हैं मरीज

इसका रखें ख्याल

1- बीमारी होने पर तुरंत फीजियोथेरेपिस्ट से सलाह लें।

2- खानपान में सावधानी बरतें।

3- लाइफ स्टाइल में बदलाव करें।

4- नियमित एक्सरसाइज करें।

5- सुबह-शाम कम से कम 30 मिनट वॉक करें।

patna@inext.co.in

National News inextlive from India News Desk