इस तरह रखें व्रत और करें लक्ष्मी पूजन

सोलह धागे का डोरा लेकर उसमें सोलह गांठ लगा लें। इसके बाद हल्दी की गांठ को घिर के उसके रंग में डोरा रंग लें। फिर उसे अपने हाथ की कलाई में बांध लें। अश्वनी मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तक व्रत पूरा हो जाने पर वस्त्र से मंडप बनाएं। उसमें लक्ष्मी जी कि प्रतिमा रख कर उसको पंचामृत से स्नान कराएं। सोलह प्रकार की सामग्रियों से पूजन कराएं। रात्रि में तारागणों को पृथ्वी के प्रति अर्घ्य दें और लक्ष्मी जी से प्रार्थना करें। व्रत रखने वाली महिलाएं ब्रहामणों को भोजन कराएं। पूजा करने वाली ऐसी महिलाओं को लक्ष्मी जी के समक्ष प्रसाद सोलह-सोलह की संख्या में रखने चाहिए।

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ब्राह्मण और ब्राह्मणियों को कराएं भोजन

इसके बाद चार ब्राह्मण और सोलह ब्राह्मणियों को भोजन कराएं। फिर उन्हें दक्षिणा देकर विदा करें। इस प्रकार से जो व्रत करते हैं वो इस लोक में सुख भोगते हैं और लंबे कालखण्ड तक लक्ष्मी लोक में भी सुख भोगते हैं।

-पंडित दीपक पांडेय

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