अक्षय कुमार और अनुपम खेर स्टारर फिल्म स्पेशल 26 फिल्म एक सत्य घटना पर आधारित है। हालाकि उस फिल्म में चार लोगों को नकली CBI इंस्पेक्टर बन कर मुंबई की एक ज्वेलरी शॉप लूटते दिखाया गया था, लेकिन असलियत में इस चोरी को अंजाम सिर्फ़ एक आदमी ने दिया था, जिसका नाम मोहन सिंह था।
30 साल पहले की घटना
अब से करीब 30 साल पहले 19 मार्च, 1987 को मुंबई पुलिस हैडक्वार्टर में एक फोन कॉल आया था। फोन करने वाले ने बताया कि शहर के सबसे बड़े ज्वेलरी स्टोर ओपेरा हाउस में CBI की एक टीम छापा मारा है और टीम का लीडर लाखों के जेवरात ले कर गायब हो गया है। फोन सुन कर जब पुलिस टीम वहां पहुंची तो उन्होंने देखा कि सीबीआई की पूरी टीम वहीं थी, बस उनका लीडर गायब था जिसका नाम मोहन सिंह बताया गया। पता चला की दरसल पूरी टीम फर्जी है और ये ज्वेलरी स्टोर लूटने के लिए ही बनाई गई थी। ।
टीवी की 5 फेमस एक्ट्रेस जिनकी पहली शादी नहीं चल सकी, जानें वजहें
ऐसे बनी थी टीम
दरसल मोहन सिंह ने 18 मार्च को एक अंग्रेजी अखबार में विज्ञापन निकलवाया था। जिसमें ये इंटेलिजेंस अफसर और सिक्योरिटी अफसर की पोस्ट के लिए जुझारू और सक्रिय लोगयें की रिक्वॉयरमेंट दी गई थी। इन्हीं पदों के लिए उम्मीदवारों को एक बड़े मुंबई के ही एक बड़े होटल में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। उम्मीदवार वहां आये और बकायदा उनका साक्षात्कार हुआ और 26 लोगों को चुना गया। इसके बाद शुरू हुआ असली ड्रामा।
Ind vs Aus : इन 4 भारतीय खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया से छीन ली जीत
ऐसे घटी वारदात
इन चुने गए लोगों को आइडेंटिटी कार्ड दिए गए और एक बस में बैठा कर ओपेरा हाउस ले जाया गया। एक सोची समझा योजना के तहत जब मोहन सिंह ने कहा की सीबीआई की टीम रेड डालने आई है तो ओपेरा हाउस के मालिक, प्रताप जावेरी बेहद डर गए। इसी वजह से उन्होंने किसी प्रकार का विरोध नहीं किया। उनके कुछ समझने और संभलने से पहले अफ़रातफ़री का फायदा उठा कर मोहन सिंह स्टोर से लाखों के जेवरात ले कर वहां से निकल गया। खास बात ये है कि सारी घटना स्पश्ट हो जाने के बावजूद मोहन सिंह आज तक नहीं पकड़ा गया और इसी लिए पुलिस इस घटना को एक 'परफेक्ट क्राइम' मानती है।
5 स्टार रैंक : मार्शल ऑफ इंडियन एयर फोर्स अर्जन सिंह जैसे 2 और थे 'मार्शल'
National News inextlive from India News Desk