संसद से पास होने पर लागू होगा संशोधन

सरकार तमाम छोटे बचत खातों को स्कीम्स गवर्नमेंट सेविंग्स बैंक्स ऐक्ट, 1873 के तहत लाने पर विचार कर रही है। इसमें पीपीएफ जैसी बचत योजनाएं भी शामिल हैं। पब्लिक प्राविडेंट फंड एक्ट 1968 में पास हुआ था। इस बार के बजट यानी फाइनेंस बिल 2018 में इसे हटाने का प्रावधान किया गया है।

जानें क्या है भविष्य निधि एक्ट 1968

पब्लिक प्राविडेंट फंड यानी पीपीएफ या भविष्य निधि एक्ट 1968 के तहत कोर्ट से डिक्री होने के बावजूद पीपीएफ में जमा राशि सरकार जब्त नहीं कर सकती थी। लेकिन यह संशोधन पारित हो गया तो सरकार इसे आम बचत योजनाओं की तरह जब्त कर सकेगी।

जानें किन पर पड़ेगा नये संशोधन का असर

यह व्यवस्था संसद से संशोधन पास होने पर ही लागू होगा। नया कानून पहले से निवेश कर रहे खाताधारकों पर लागू नहीं होगा और उन्हें पहले की तरह कोर्ट के आदेश से प्रोटेक्शन मिलता रहेगा। जो लोग नये खाते खुलवाएंगे उनकी रकम सरकार कोर्ट के आदेश पर जब्त कर सकेगी।

पीपीएफ के ब्याज दरों पर नहीं होगा असर

भविष्य निधि एक्ट खत्म होने पर आपके पीपीएफ खातों पर कोई असर नहीं होगा। सेविंग अकाउंट और पीपीएफ अकाउंट में मिलने वाले ब्याज का अंतर पर नये नियम का कोई असर नहीं पड़ेगा। पीपीएफ पर अब भी ज्यादा ब्याज मिलता रहेगा। रिकवरी के लिए जब्त होने के अलावा और कोई असर इस खाते पर नहीं पड़ेगा।

बचत की इन योजनाओं में होगा बदलाव

पीपीएफ एक्ट खत्म होने के बाद सरकार द्वारा चलाई जा रही 10 बचत योजनाओं पर भी बदलाव हो जाएगा। इन योजनाओं में पब्लिक प्राविडेंट फंड, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, पोस्ट ऑफिस बचत खाता, टाइम डिपॉजिट, नेशनल सेविंग स्कीम, मंथली इनकम स्कीम, रीकरिंग डिपॉजिट, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र, सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम जैसी योजनाएं शामिल हैं।

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