एक फॉर्म में सब कुछ

कर्मचारी भविष्य निधि यानी कि ईपीएफ के दायरे में आने वाले कर्मचारी जब भी अपनी नौकरी बदलें, वे नई कंपनी में ज्वाइनिंग के समय ही नए संयुक्त डिक्लेयरेशन फॉर्म F-11 में अपनी पुरानी कंपनी वाले EPF अकाउंट की जानकारी भर सकते हैं। F-11 फॉर्म में कर्मचारी की बैंक खाते से लेकर उसका आधार नंबर यानी कि उससे जुड़ी हर जानकारी मौजूद होती है। ऐसे में इसे भरने के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी कि ईपीएफओ कर्मचारियों का फंड उनके नए खाते में अपने आप ही ट्रांसफर कर देगा। इससे अब कर्मचारियों को अपने पीएफ ट्रांसफर के लिए अलग से मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।

12 प्रतिशत है पीएफ

गौरतलब है कि अभी तक नौकरी बदलने पर कर्मचारियों को पीएफ ट्रांसफर के लिए कई बार काफी दौड़भाग करनी पड़ती है। उन्हें अलग से फॉर्म-13 के जरिए पीएफ ट्रांसफर का दावा करना पड़ता था, लेकिन अब इसकी जगह फॉर्म F-11 ने ले ली है। वहीं जो लोग ऑनलाइन सर्विस लेते हैं वे पीएफ ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन विकल्प भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बतादें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में हर साल करीब 1 करोड़ दावे पीएफ निकासी, पेंशन फिक्सेशन, डेथ क्लेम और ईपीएफ ट्रांसफर के किए जाते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि यानि ईपीएफ कर्मचारी और उसके परिवार के लिए बहुत सहायक होती है। पीएफ हर  माह कर्मचारी के मूल वेतन से 12 प्रतिशत कटता है और इतना ही उसका नियोक्ता यानी कि कंपनी उसके खाते में जमा करती है।

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