-बैलेट यूनिट का अंतिम बटन होगा नोटा का

-एक कंट्रोल यूनिट की कैपेसिटी होती है दो हजार वोट

<-बैलेट यूनिट का अंतिम बटन होगा नोटा का

-एक कंट्रोल यूनिट की कैपेसिटी होती है दो हजार वोट

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: इस बार लिस्ट में तीन लाख से अधिक वोटर जुड़े हैं। जाहिर है ईवीएम <इस बार लिस्ट में तीन लाख से अधिक वोटर जुड़े हैं। जाहिर है ईवीएम ((इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन<इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) ) से वोट डालने का उनका एक्सपीरियंस भी पहला होगा। वैसे हम बता दें कि इस इलेक्शन में पहली बार चुनाव आयोग की ओर से नोटा का विकल्प दिया गया है। यह बटन प्रत्याशियों के बाद ईवीएम पर सबसे अंत में होगा। इलाहाबाद और फूलपुर, दोनों लोकसभा में इस बटन की अलग-अलग स्थिति होगी। कैसे होगी वोटिंग और क्या चल रही हैं तैयारियां। पेश है एक रिपोर्ट-

दोनों लोकसभा में कहां होगा यह बटन

अगर वोटिंग के दौरान किसी वोटर ने कोई प्रत्याशी सेलेक्ट नहीं किया है तो उसके लिए नोटा का ऑप्शन दिया गया है। इसका मतलब है इनमें से कोई नहीं। फूलपुर लोकसभा में चूंकि कुल क्भ् प्रत्याशी हैं, इसलिए यहां के चुनाव में केवल एक बैलेट यूनिट का यूज किया जाएगा। इसमें क्म्वां बटन नोटा का होगा। इसी तरह इलाहाबाद लोकसभा में ख्फ् प्रत्याशी मैदान में है, यहां के चुनाव में कुल दो बैलेट यूनिट का यूज होगा और इनमें से दूसरी बैलेट यूनिट का ख्ब्वां बटन नोटा का होगा।

क्ख् सेकंड में पड़ेगा एक वोट

ईवीएम के जरिए एक वोट डालने में कम से कम क्ख् सेकंड का टाइम लगता है। प्रत्याशी के सामने वाला बटन दबाने के बाद बीप की आवाज सुनाई पड़ने के बाद वोट तय माना जाता है। हालांकि पीठासीन अधिकारी द्वारा ओके किए जाने के बाद ही दूसरा वोट डाला जा सकेगा। जब तक एक वोटर बूथ से बाहर नहीं निकल जाएगा, दूसरा वोट डाला नहीं जा सकेगा। प्रयाग संगीत समिति में चल रहे मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर और ब्लॉक सोशल ऑडिट क्वार्डिनेटर बहादुरपुर अनुज सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारियों को सीआरसी यानी क्लोज-रिजल्ट-क्लीयर प्रिंसिपल पर चलना होगा।

एक घंटे पहले होगा मॉकपोल

सात मई को वोटिंग से एक घंटे पहले बूथों पर मॉकपोल होगा। इनमें सभी पार्टियों और प्रत्याशियों के एजेंट को तीन वोट डालने का मौका दिया जाएगा। मॉकपोल के बाद पुन: सीआरसी के बाद वोटिंग शुरू होगी। जिन मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण के दौरान ईवीएम की एबीसीडी ठीक तरह से समझ नहीं आई, उन्हें अलग से भी समझाने की व्यवस्था की गई है। बूथों की ओर रवानगी से पहले पोलिंग पार्टियों को ईवीएम की बैटरी चेक करनी होगी। किसी तरह की दिक्कत होने पर ईवीएम बदल दी जाएगी।

इसलिए एक बूथ पर होते हैं क्700 वोटर्स

अनुज सिंह ने बताया कि ईवीएम से वोटिंग के चलते प्रत्येक बूथ पर अधिकतम क्700 वोटर ही होते हैं। क्योंकि, एक कंट्रोल यूनिट की कैपेसिटी महज दो हजार वोट की होती है। एक कंट्रोल यूनिट में अधिकतम चार बैलेट यूनिट को ही जोड़ा जा सकता है। इसके बाद इसकी बैटरी काम करना बंद कर देती है। उन्होंने बताया कि मतगणना के दौरान एक कंट्रोल यूनिट से रिजल्ट लेने में ख्0 से ख्भ् मिनट का समय लगता है।