- एकेटीयू शुरू करेगा योर कॉलेज पोर्टल, सभी कॉलेज देंगे डिटेल

LUCKNOW: जिस कॉलेज में आपने एडमिशन लेने का मन बनाया है, वहां आपकी जरूरत के मुताबिक शिक्षा और सुविधा है कि नहीं, ये आप घर बैठे जान सकेंगे। एकेटीयू से एफिलिएटेड इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में एडमिशन के लिए एसईई-2016 की काउंसिलिंग प्रक्रिया 24 जून से शुरू हो रही है। काउंसिलिंग से पहले सभी स्टूडेंट्स को कॉलेजों के बारे में बेहतर जानकारी देने के लिए यूनिवर्सिटी एक पोर्टल की शुरुआत करने जा रही है। नो योर कॉलेज नाम से शुरू होने वाले इस पोर्टल पर सभी कॉलेजों की पूरी जानकारी दी जाएगी ताकि काउंसिलिंग के समय च्वाइस भरने से पहले स्टूडेंट्स कॉलेजों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।

काउंसिलिंग में मिलेगी मदद

यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि सभी कॉलेजों की जानकारी कहीं भी एक जगह पर मौजूद नहीं है। ऐसे में स्टूडेंट्स अच्छे कॉलेजों का चयन नहीं कर पाते हैं। यहां तक कि उन्हें पता ही नहीं होता है कि उन्होंने एडमिशन के लिए जिस कॉलेज का च्वाइंस भरा है। वह कॉलेज किस लेवल का है, सुविधाएं क्या हैं। यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स की इसी प्रॉब्लम को दूर करने के लिए इस पोर्टल शुरू करने जा रही है।

देनी होगी पूरी जानकारी

सभी कॉलेजों को इस पोर्टल के लिए अपने कॉलेज की पूरी जानकारी मुहैया करानी होगी। जैसे उनके यहां कौन-कौन से कोर्स संचालित है। किसी कोर्स की कितनी फीस हैं, किसी कोर्स में कैसी फैकेल्टी है, उनका स्टेटस क्या है, हॉस्टल फैसिलिटी समेत दूसरी फैसेलिटी कैसी है। इसी तरह की सभी जानकारियां आगामी 21 जून तक यूनिवर्सिटी प्रशासन को भेजना होगा। इसके लिए सभी कॉलेजों को अपनी ईआरपी लॉगिंन से अपना डिटेल भेजना होगा।

पिछले सेशन में मिली थीं शिकायतें

एकेटीयू के कॉलेजों में हर साल सेशन के लास्ट में कई तरह की शिकायतें आती हैं। कॉलेज एडमिशन के समय स्टूडेंट्स को फीस कुछ और बताते हैं और सेशन के लास्ट में अधिक फीस बताकर उन पर अतिरिक्त फीस जमा करने का दबाव बनाते हैं। ऐसी ही शिकायतों को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह पोर्टल शुरू किया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि कॉलेजों की ओर से दी गई जानकारी ही आखिरी मानी जाएगी। इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। ऐसा करने से पहले सभी कॉलेजों को यूनिवर्सिटी से इजाजत लेनी होगी।

कॉलेजों के रिकॉर्ड एक जगह न होने से स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम होती है। इससे स्टूडेंट्स को काउंसिलिंग में काफी फायदा होगा, उनको एडमिशन से पहले कॉलेज का असली स्टेट्स भी पता लग जाएगा।

प्रो। जेपी पांडेय, परीक्षा नियंत्रक, एकेटीयू