बहुत कम लोग जानते हैं कि इस निर्माता निर्देशक का वास्तविक नाम रमेश गोपालदास सिपहिमलानी था हालाकि शोहरत उन्हें  रमेश सिप्पी के नाम से ही मिली।

रमेश सिप्पी महज नौ साल की थे जब फिल्मों के साथ उनका नाता जुड़ गया था। 1953 में आई फिल्म शहंशाह में उन्होंने अचला सचदेवा के बेटे की भूमिका निभायी थी।
'शोले' के गब्बर की यह 10 बातें सीख लीं तो लाइफ होगी झिंगालाला

भारत पाकिस्तान के बंटवारे पर आधारित मशहूर दूरदर्शन धारावाहिक बुनियाद का निर्देशन भी रमेश सिप्पी ने किया था।

रमेश गोपालदास सिपहिमलानी ने बनाई थी शोले,चौंक गए ना

उन्होंने अपने फिल्म निर्देशन करियर की शुरुआत 1971 में आई फिल्म अंदाज से की थी।
Quiz: प्यार ने शोले के ठाकुर को बनाया वीरू यानि धर्मेंद ठाकुर की जगह बन गए वीरू

सिप्पी की सुपर डुपर हिट फिल्म शोले को उसकी रिलीज के बाद कोई अवॉर्ड नहीं मिला था। बाद में 2005 में बेस्ट फिल्म ऑफ 50 ईयर्स का अवॉर्ड रमेश सिप्पी को इस फिल्म के लिए दिया गया था।

रमेश गोपालदास सिपहिमलानी ने बनाई थी शोले,चौंक गए ना

एक और मजेदार बात जो कम लोगों को पता है कि 15 अगस्त 1975 को शोले की रिलीज से महज एक हफ्ते पहले लंदन में सिप्पी गिरफ्तार होते-होते बचे थे।
40 साल बाद पाक की दहलीज पर पहुंची ब्लॉकबस्टर फिल्म 'शोले', कराची के मल्टिप्लेक्स में हुई रिलीज

शोले बनाने के लिए रमेश सिप्पी के पास पैसे नहीं थे और उन्होंने अपने पिता से इसके लिए कर्ज लिया था। फिल्म बनने के दौरान और उसके बाद भी किसी को यकीन नहीं था कि ये फिल्म चल पायेगी।

Cricket News inextlive from Cricket News Desk

Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk