मां ने 10 साल खेती की थी

बिहार के गया के रहने वाले ओपी सिंह ने बचपन में अपनी लाइफ में काफी संघर्ष किया है। इनके माता-पिता काफी गरीब थे। पिता की मौत के बाद इनकी मां ने इन्हें खेती करके पढ़ाया लिखाया। इनकी मां ने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए जी-तोड़ मेहनत की।

पढ़ाई में अव्वल रहे ओपी सिंह

ओपी सिंह की शुरूआती पढ़ाई गया में ही हुई। इसके बाद रांची के संत जेवियर इंटर कॉलेज से पढाई की। ओपी सिंह पढाई के मामले में बचपन से ही काफी तेज रहे हैं। शायद तभी दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए में गोल्ड मेडल हासिल किया था और यहां पढाया भी था।  

1983 बैच के IPS अफसर

ओपी सिंह ने भी अपनी मां की मेहनत का मान रखा उसे बेकार नहीं होने दिया। वह एक अफसर के रूप में खुद को देखना चाहते थे। ओपी सिंह 1983 बैच से आईपीएस अफसर चुने गए थे। इनकी सबसे पहली पोस्टिंग बतौर ट्रेनी एएसपी वाराणसी में हुई थी।

इनका नाम सुर्खियों में रहा

ओपी सिंह 1992-93 में लखीमपुर खीरी में तैनाती के दौरान नेपाल बॉर्डर से होने वाली तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए चर्चा में रहें। वहीं 25 जून साल 1995 यूपी के चर्चित गेस्ट हाउस कांड में भी इनका नाम सुर्खियों में रहा।

मधुर आवाज में गाते ओपी सिंह

बहुमुखी प्रतिभा के धनी ओपी सिंह को गाने का बहुत शौक है। मधुर आवाज में गाने वाले ओपी सिंह के पसंदीदा गायक मुकेश हैं। इनके गाने का एक वीडियो भी काफी ट्रेंड हो रहा है। प्रदेश के नए डीजीपी ओपी सिंह का रिटायरमेंट साल 2020 में होना है।

उत्तर प्रदेश के इकलौते डीजीपी

डीजीपी के पद पर तैनात होने से पहले ओपी सिंह केंद्र में डेप्युटेशन पर थे। यह यहां बतौर सीआईएसएफ के डीजी के पद पर काम कर रहे थे। ओपी सिंह अपनी बेहतर कार्य प्रणाली की वजह से राष्ट्रपति से पदक पाने वाले उत्तर प्रदेश के इकलौते डीजीपी हैं।

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