बरेली: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सैटरडे को मां से बिछड़ी मासूम बच्ची को लेने को उसकी मां मंडे को चाइल्ड लाइन पहुंची लेकिन तभी जंक्शन में एक मासूम अपनी मां से बिछड़ गया। जिसके बाद जीआरपीं ने मासूम को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया। चाइल्ड लाइन में अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं जिससे वह अपनी मां तक पहुंच सके। वहीं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में कोमल की मां से डॉक्यूमेंट लेकर जांच की जा रही है। सब कुछ सही मिलने पर थर्सडे को मासूम को उसकी मां को सौंप दिया जाएगा।

जंक्शन में रो रहा था मासूम

बरेली: रेलवे जंक्शन पर सुबह तड़के कड़ाके की सर्दी में ठिठुरता हुआ मासूम अकेला बैठा रो रहा था। तभी अचानक चाइल्ड लाइन टीम मेंबर्स की नजर मासूम पर पड़ी। मासूम से पूछा तो वह और रोने लगे। जानकारी करने पर पता चला कि मासूम को उसकी मां छोड़ गई है। जिससे वह अकेला बैठा रो रहा है। चाइल्ड लाइन टीम को-आर्डिनेटर रमनजीत सिंह ने टीम मेघा और शहरीन के साथ सूचना जीआरपी को दी। जीआरपी ने मासूम को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया।

मासूम नहीं बता पाया एड्रेस

रेलवे जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर मिले आठ वर्षीय मासूम से चाइल्ड लाइन काउंसलर नीरज ने जब मासूम की काउंसलिंग की तो वह सिर्फ अपना नाम राजा बताया। राजा ने बताया कि उसके एक छोटी बहन राधिका और छोटा भाई कृष है। राजा ने बताया कि उसके पिता का नाम राजू यादव, और मां का नाम संध्या देवी है। उसके पिता फैक्ट्री यमुना पार जॉब करते हैं। उसकी छोटी राधिका मां के पास है जबकि भाई कृष पिता के पास है। मां संध्या उसे पिता के पास चलने की बात कहकर साथ लेकर आई थी। लेकिन लखनऊ में जंक्शन पर उसे छोड़कर चली गई। जहां से वह भटकता हुआ मां को तलाशता हुए बरेली जंक्शन पर पहुंच गया। जहां पर चाइल्ड लाइन टीम को मिला। मासूम ने बताया कि उसकी मां उसे जंक्शन पर बैठाने के बाद चली गई। काउंसलिंग के दौरान मासूम ने बताया कि यमुनानगर जगाधारी स्टेशन से कानसापुर के लिए जाएंगे वहीं पर उसका उसका गांव कासली है। लेकिन वह पूरा एड्रेस नहीं बता पा रहा हैं। चाइल्ड लाइन टीम ने मासूम का मेडिकल कराने के बाद अपने पास रखा है। टीम मासूम को आज सीडब्ल्यूसी में पेश करेगी।