-चीन आई है छात्रा, पीएमसीएच में भर्ती, ब्लड सैंपल पुणे भेजा गया

- अलर्ट पर पीएमसीएच, डॉक्टरों की टीम कर रही निगरानी

-रविवार को की थी बुखार की शिकायत, छपरा सदर अस्पताल से पीएमसीएच किया गया रेफर

PATNA : छपरा के शांति नगर की रहने वाली छात्रा में कोरोना वायरस के पाए जाने आशंका से हेल्थ डिपार्टमेंट हलकान है। छपरा की एकता कुमारी चीन के वुहान में न्यूरो रिसर्च सेंटर में साइंटिस्ट है। वहां से पीएचडी कर रही है। वह हाल ही में चीन से अपने घर आई है। बुखार की शिकायत के बाद सोमवार की सुबह उसे पीएमसीएच में सुबह भर्ती कराया है। इसके बाद डॉक्टरों ने उसके ब्लड के नमूने को टेस्ट के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब भेजा गया है। जिसकी रिपोर्ट अगले तीन दिनों में आने की उम्मीद है।

22 जनवरी को आई थी घर

जानकारी के अनुसार बीते 22 जनवरी को एकता भारत पहुंची। 23 जनवरी को छपरा के शांति नगर स्थित पैतृक घर आई थी। रविवार की देर रात उसे तेज बुखार आ गया। हालत बिगड़ने पर उसे छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। कोरोना वायरस की आशंका जताते हुए इसकी सूचना अस्पताल से केंद्र सरकार तक पहुंची तो हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट हो गया। छपरा के सिविल सर्जन डॉक्टर माधवेश्वर झा और डॉ केएम दुबे सदर अस्पताल पहुंचे। जांच के बाद एहतियात के तौर पर उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। बाद में बेहतर इलाज और जांच के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया गया।

रिपोर्ट आने के बाद होगी पुष्टि

पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ.विमल कारक का कहना है कि एकता के ब्लड सैंपल को पुणे लैब में भेजा गया है। मंगलवार को नमूना नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब में पहुंच जाएगा। बुधवार तक जांच रिपोर्ट आने की उम्मीद है। उसके बाद ही सही तौर पर कहा जा सकता है कि छात्रा को करोना वायरस है या नहीं। उन्होंने बताया कि अभी कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। पैनिक होने की जरूरत नहीं है। इससे डरने की जरूरत नहीं है।

अलर्ट पर पीएमसीएच

पीएमसीएच के अधीक्षक ने बताया कि मरीज के आने सूचना मिलते ही पूरे अस्पताल को अलर्ट पर रख गया है। उन्होंने बताया कि रविवार रात 11:20 मिनट पर छपरा के सिविल सर्जन ने मरीज को पीएमसीएच रेफर करने की सूचना दी। वह सुबह आठ बजे पीएमसीएच पहुंची। उसे पीएमसीएच के इमरजेंसी के ऊपर बने आइसोलेशन वार्ड नंबर 206 में भर्ती किया गया है। अगले तीन दिनों तक यहां रखा जाएगा। उसकी स्थिति पर अस्पताल के वरीय चिकित्सक नजर रखे हुए हैं। वहीं पीएमसीएच के वायरोलॉजी लैब के प्रभारी डॉ.सच्चिदानंद का कहना है कि छात्रा को मात्र बुखार के आधार पर पर करोना वायरस का मरीज कहना ठीक नहीं है। नाक से पानी एवं वायरस के अन्य लक्षण नहीं दिखाई पड़ रहे हैं।

वार्ड में टहल रही थी छात्रा

पीएमसीएच की इमरजेंसी के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एकता कुमारी को एहतियात के तौर पर किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने आइसोलेशन वार्ड के दरवाजे पर लगे शीशे से देखा तो पाया कि मरीज एकता कुमारी टहल रही है। वार्ड में उसके परिजन भी बैठे हुए थे। वह सभी से बातचीत कर रही थी।

वहीं, डॉक्टरों का मानना है कि उसे कोरोना वायरस होने की बहुत कम उम्मीद है। लेकिन सावधानीवश उसे अस्पताल से छोड़ा नहीं जा रहा है। इधर, छात्रा और उनके परिजन घर जाने के लिए अधीक्षक से बार-बार आग्रह कर रहे थे। एकता ने कहा है कि उसे कुछ नहीं हुआ है। कोलकाता एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने उसे बाहर आने दिया। उसके शरीर का तापमान 98ए फारेनहाइट है। कफ भी नहीं है। स्वजन ने बताया कि छात्रा फ्लाइट से कोलकाता आई थी। कोलकाता से वह ट्रेन से छपरा आई थी। यहां उसे बुखार हो गया था।

अमेरिका से प्राइमर मंगाया

अगमकुआं स्थित राजेन्द्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ। प्रदीप दास ने बताया कि चीन से आई छात्रा जिसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका है, उसके ब्लड का सैंपल लिया गया है। यहां की वायरोलॉजी लैब में सैंपल की जांच कर अन्य संक्रमण का भी पता किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की जांच के लिए अमेरिका से प्राइमर मंगाया जा रहा है। कंपनी को ऑर्डर दिया गया है। 10 दिनों में प्राइमर पहुंचते ही आरएमआरआई की लैब में कोरोना की जांच शुरू कर दी जाएगी। निदेशक ने बताया कि कोरोना वायरस से ही जांच के लिए आवश्यक प्राइमर तैयार किया जाता है।

वार्ड में फैला रहा अंधेरा

छपरा की एकता कुमारी को पीएमसीएच के जिस वार्ड में भर्ती किया गया है वहां दिन में भी अंधेरा था। छात्रा के पिता सुशील कुमार सिंह ने कहा कि जिस कमरे में उसे रखा गया है वहां अव्यवस्था है। कमरे में अंधेरा है और बेड गंदा है। अस्पताल की स्थिति देखकर स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार हो सकता है। वहीं प्राचार्य डॉ। विद्यापति चौधरी का कहना है कि कोरोना वायरस अत्यंत गंभीर बीमारी है। इसके मरीजों को सामान्य तरीके से नहीं रखा जा सकता है। इसलिए उसे विशेष वार्ड में रखा गया है।

कोरोना के लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना वायरस सी-फूड से जुड़ा है। इससे सामान्य जुकाम से लेकर सांस की गंभीर समस्या उत्पन्न होती है। इससे ग्रसित मरीजों में जुकाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरुआती लक्षण दिखते हैं। इसके बाद ये लक्षण न्यूमोनिया में बदल जाते हैं और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं। फेफड़े में गंभीर किस्म का संक्रमण हो जाता है।

ये बरतें सावधानियां

- हाथों को साबुन और पानी से रगड़कर साफ करें।

- खांसते और छींकते वक्त नाक और मुंह को ढकें।

-जिनको सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनसे दूर रहें।

- जानवरों के संपर्क में आने से बचें।

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आईडीएच में सात बेड सुरक्षित

अगमकुआं के आईडीएच स्थित संक्रामक रोग अस्पताल में कोरोना के संक्रमित मरीज को भर्ती कर इलाज करने के लिए सात बेड सुरक्षित किया गया है। अस्पताल के कार्यकारी अधीक्षक सह सिविल सर्जन डॉ। राजकिशोर चौधरी ने बताया कि कोरोना के लिए वार्ड को आइसोलेटेड बनाने और आईसीयू की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को सौंपी गयी है। उन्होंने बताया कि स्टेट हेल्थ सोसायटी और एनएमसीएच की टीम ने भी आकर यहां की व्यवस्था को देखा है।

- आईसीयू की होगी व्यवस्था

सिविल सर्जन ने कहा कि संक्रामक रोग अस्पताल में कोरोना व अन्य संक्रमित बीमारियों के मरीजों का इलाज होगा। इसके लिए एनएमसीएच द्वारा वेंटीलेटर, मॉनीटर लगाकर आईसीयू की व्यवस्था की जाएगी। प्रशिक्षित डॉक्टर, नर्स व कर्मी की टीम तैयार करने होगी। वहीं, संक्रमण रोग अस्पताल पहुंचे एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ। गोपाल कृष्ण ने बताया कि आईडीएच अस्पताल में जगह चिह्नित कर ली गयी है। आवश्यक पड़ने पर अस्पताल के सर्जिकल आइसीयू में मरीज को भर्ती कर इलाज किये जाने पर विचार हो रहा है। अस्पताल में पहली मंजिल पर चिह्नित की गयी जगह व्यवस्थित की जाएगी। डॉक्टरों की टीम तैयार की जा रही है।