- कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर बन गए कूड़े के पहाड़

- अन्डर ग्राउंड वॉटर के साथ वातावरण हो रहा प्रदूषित

आगरा। शहर की लैंडफिल साइट पर पड़े कूड़े के पहाडों की क्लोजर कैपिंग कराई जाएगी। इसके लिए शासन ने पहली किश्त भी जारी कर दी है। इसमें 75 फीसदी बजट केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा खर्च किया जाना है। शेष 25 फीसदी नगर निगम वहन करेगा। बता दें कि नगर निगम ने इसके लिए 27.35 करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया था। इसमें पहली किश्त 8.20 करोड़ जारी कर दी गई है।

कुबेरपुर लैंडफिल साइट

60 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र

कचरा से अटा पड़ा क्षेत्र

16 एकड़

कचरे की मात्रा

9.5 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा

25 मीट्रिक टन कूड़े से बनाई जा रही खाद

नगर निगम द्वारा 25 मीट्रिक टन कूड़े से रोजाना खाद तैयार किया जा रहा है। बता दें, वर्ष 2018 से नगर निगम ने गीले-सूखे कूड़े को अलग-अलग करना शुरू किया था। शहर में रोजाना 750-800 मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन निकलता है, जबकि लैंडफिल साइट पर 15-20 मीट्रिक टन कूड़े का ही निस्तारण हो पाता है। तकरीबन दो वर्ष पहले कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट लगाया गया था। नगर निगम के अफसरों के अनुसार इस प्लांट से हर रोज 500 मीट्रिक टन कूड़े से 10 मेगावाट बिजली बनाने की योजना थी। इसका ठेका स्पाक वर्जन कंपनी को दिया गया था, लेकिन टीटीजेड में इसको अनुमति प्राप्त नहीं हो सकी है।