देश के विभिन्न राज्यों के अलावा जर्मनी व मॉस्को में भी बढ़ी डिमांड

बनारसी से ज्यादा पसंद किया जा रहा कुचाई सिल्क

रांची के हर विजिटर की चाहत खरीदें झारक्राफ्ट का प्रोडक्ट

RANCHI: झारखंड का कुचाई सिल्क अब देश की पहचान बनता जा रहा है। यहां का बना कुचाई तसर सिल्क विदेशों में भी काफी पसंद किया जा रहा है। जबकि कभी सिल्क मतलब लोग सिर्फ बनारसी सिल्क जानते थे, लेकिन अब लोग उसी तरह झारखंड के कुचाई सिल्क को भी पसंद करने लगे हैं। जी हां, रांची में पिछले चार दिनों से चल रहे कुचाई सिल्क एक्सपो में यही देखने को मिल रहा है। जहां झारक्राफ्ट के स्टॉल पर सबसे ज्यादा खरीदार जुट रहे हैं। यहां एक दिन में डेढ़ लाख रुपए तक का सेल हो रहा है। झारक्राफ्ट द्वारा पांच तरह का सिल्क तैयार होता है। इसमें बोगा, तसर, मल्बरी, येरी आदि शामिल है। लेकिन सबसे अधिक तसर सिल्क का प्रोडक्शन हो रहा है।

कई राज्यों में पहली पसंद

बनारस से आए अदनान हुसैन ने बताया कि झारखंड का कुचाई सिल्क अब हर जगह लोगों की पसंद बन रहा है। हमलोगों ने कई राज्यों में सिल्क एक्सपो में एक साथ स्टॉल लगाए, लेकिन ज्यादातर लोग कुचाई सिल्क ही खरीदते नजर आए। पिछले साल दिल्ली, पुणे व कोलकाता में स्टॉल लगाए थे, जहां कुचाई सिल्क लोगों की पहली पसंद था।

हर विजिटर खरीद रहा कुचाई सिल्क

दूसरे शहरों से जो लोग रांची आते हैं, वो यहां का बना हुआ सिल्क जरूर खरीदकर ले जाते हैं। जो महिला अधिकारी दिल्ली से रांची आती हैं, वो झारक्राफ्ट के एक्सक्लूसिव शोरूम में जरूर जाती हैं और यहां से सिल्क की साड़ी या सिल्क के दूसरे कपड़े खरीद कर ले जाती हैं। साथ ही रांची में जो लोग अपने गेस्ट के यहां या किसी काम से आते हैं, वो यहां का सिल्क जरूर खरीदते हैं।

यहां हैं झारक्राफ्ट के आउटलेट्स

झारक्राफ्ट अपनी पहचान कई शहरों में बड़ी तेजी से बना रहा है। लोग वहां के शोरूम में जाकर सिल्क की खरीदारी कर रहे हैं। रांची में चार शोरूम के अलावा झारखंड के सभी शहरों में इसके शोरूम हैं। इसके अलावा बिहार में तीन, दिल्ली में तीन, कोलकाता में दो शो रूम हैं। साथ ही अहमदाबाद, मुम्बई, वाराणासी, बेंग्लुरु, चेन्नई, मसूरी व छतीसगढ़ में भी झारक्राफ्ट के शोरूम हैं।

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विदेशों में भी बढ़ी डिमांड

झारखंड में बने कुचाई सिल्क दूसरे देशों की भी पसंद बनता जा रहा है। जर्मनी के मार्केट में यहां के सिल्क को काफी पसंद किया जा रहा है। 2015 में दो बार जर्मनी से आर्डर आ गया है और झारक्राफ्ट द्वारा सिल्क एक्सपोर्ट भी कर दिया गया है। इसके अलावा मास्को ने भी झारक्राफ्ट के सिल्क को पसंद किया है और सेंपल मांगा है। झारक्राफ्ट द्वारा सैंपल भी मास्को को भेज दिया गया है

वेस्ट आइटम भी हो रहा एक्सपोर्ट

झारक्राफ्ट द्वारा जो कुचाई सिल्क तैयार किया जाता है। उसमें से वेस्ट निकलता है। इसका यूज झारखंड में नहीं होता है। लेकिन जर्मनी की एक कंपनी को ये वेस्ट भी पसंद आया है और वो खरीद भी चुकी है। 2013 में जर्मनी को एक टन झारक्राफ्ट का वेस्ट भेजा गया था।

सरायकेला-खरसावां का कुचाई ब्लॉक मशहूर

झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में कुचाई ब्लॉक है। जहां सबसे अधिक सिल्क का प्रोडक्शन हुआ। इस ब्लॉक के हर पंचायत में जो कुकून तैयार होता है, वो सबसे अच्छा माना जाता है। इस कुकुन से जो सिल्क तैयार होता है वह सभी सिल्क से अलग तरह का होता है। इसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। यह ब्लॉक कुचाई सिल्क के लिए मशहूर है। इसलिए इस ब्लॉक का नाम कुचाई ब्लॉक रखा गया है। इसके अलावा गिरिडीह और दुमका में भी कलस्टर है, जहां सिल्क का प्रोडक्शन हो रहा है।

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कुचाई सिल्क एक्सपो में रिकार्ड बिक्री

डेट बिक्री

27 अगस्त 55 हजार का सेल

28 अगस्त 75 हजार का सेल

29 अगस्त 1.53 लाख का सेल

30 अगस्त 60 हजार का सेल