कुलभाष्कर आश्रम पीजी कॉलेज में छात्रों ने किया तोड़फोड़ व हंगामा

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PRAYAGRAJ: यूपी-पीजी में छात्र कितना भी मेरिटोरियस क्यों न हो, उसे 75 फीसदी से अंक नहीं दिया जायेगा. स्टेट यूनिवर्सिटी में पिछले साल से लागू हो चुके इस फैसले को लेकर शनिवार को कुलभाष्कर आश्रम पीजी कॉलेज में जमकर उत्पात हुआ. छात्रों का तेवर और उत्पात देखकर प्रिंसिपल समेत तमाम जिम्मेदार कॉलेज से भाग खड़े हुए. छात्रों पर काबू पाने के लिए पुलिस को मोर्चा लेना पड़ गया. इतना सब हो जाने के बाद भी प्रिंसिपल और चीफ प्रॉक्टर कॉलेज का पक्ष रखने के लिए भी सामने नहीं आये.

आचार संहिता की कर दी ऐसी-तैसी

कुलभाष्कर आश्रम पीजी कॉलेज वर्तमान समय में प्रो. राजेन्द्र सिंह प्रयागराज विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है. यहां आए दिन हंगामा और बवाल होता रहता है. लोकसभा चुनाव के चलते वर्तमान समय में जिले में आचार संहिता लागू है. इसके बाद भी शनिवार को दिन में बड़ी संख्या में छात्र कॉलेज में जुटे और लॉ एंड आर्डर को हशिए पर धकेल दिया. उनका गुस्सा इस बात पर था कि पेपर अच्छा होने के बाद भी 75 फीसदी से ज्यादा अंक उन्हें क्यों नहीं दिये गये. वे प्रिंसिपल से इसका जवाब चाहते थे लेकिन उनके पास न तो जवाब का कोई बेस था और न ही कोई ठोस आश्वासन. जिससे छात्र ऐसा बमके कि उनके कक्ष को ही निशाने पर ले लिया.

प्रिंसिपल के रिएक्शन से भड़के छात्र

प्रिंसिपल के रूम में बीएससी एग्रीकल्चर सेकेंड, फोर्थ और सिक्स सेमेस्टर के छात्र पहुंचे थे.

छात्रों ने प्रिंसिपल डॉ. अशोक श्रीवास्तव से सवाल किया कि इंटरनल असेसमेंट, रिटेन एग्जाम और प्रैक्टिकल में 75 फीसदी से ज्यादा अंक क्यों नहीं दिए जा सकते?

छात्रों की मानें तो पहले प्रिंसिपल ने जवाब दिया कि इसकी उन्हें कोई रिटेन में जानकारी नहीं है.

इस पर छात्रों ने कहा कि उन्हें पता चला है कि 75 फीसदी से ज्यादा अंक न दिए जाने का आदेश जारी हो चुका है.

छात्रों ने कहा कि मेधावी छात्र यदि परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसके लिए ऐसी बाध्यताएं नहीं होनी चाहिए.

प्रिंसिपल की कॉल डायवर्ट, प्रॉक्टर की कॉल फारवर्ड

प्रिंसिपल से प्रॉपर रिस्पांस न मिलने पर छात्रों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने प्रिंसिपल रूम में ही तोड़फोड़ शुरू कर दी. इसमें एक छात्र स्वराज सिंह भी घायल हो गया. नाराज छात्रों ने प्रिंसिपल डॉ. अशोक श्रीवास्तव से इस्तीफे की भी मांग की. पता चला है कि कॉलेज के कुछ टीचर्स ने भी इस मसले पर कुछ दिन पूर्व राज्य विवि के कुलपति से मुलाकात करके 75 फीसदी की बाध्यता को खत्म करने की मांग की थी. लेकिन, उनकी मांग अनसुनी कर दी गयी. प्रिंसिपल डॉ. अशोक के मोबाइल नम्बर पर उनका पक्ष जानने के लिए कॉल की गई तो उनका नम्बर कॉल डायवर्ट बताता रहा. चीफ प्रॉक्टर डॉ. सीएस चौबे को कॉल की गई तो उनके भाई ने बताया कि उनका नम्बर बंद है. उन्होंने अपनी कॉल भाई के नंबर पर फारवर्ड कर रखी है.