- कोर्ट ने बेगमपुल प्रकरण के आरोपी की अर्जी मंजूर की

- हत्या के प्रयास की धारा हटने के बाद आसान हुआ जमानत लेना

Meerut: बेगमपुल पर जमकर हुए बवाल और पथराव के मामले में आरोपी जेल में बंद कुलदीप को बुधवार को जमानत मिल गई। जिसके बाद देर शाम उसकी रिहाई हो गई। कुलदीप के उपर इंस्पेक्टर पर कातिलाना हमला करने समेत 8 धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया था। जिसके बाद उस पर से संगीन धारा 307 व क्रिमिनल लॉ एक्ट हटाने को लेकर पुलिस पर चौतरफा दबाव बना। बाद में पुलिस ने धारा हटाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी। जिसके बाद कुलदीप को जमानत मिलने में काफी आसानी हुई।

यह था मामला

गत 27 मार्च को इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के मैच के बाद बेगमपुल पर जीत का जश्न बवाल में तब्दील हो गया। एक दारोगा ने कुलदीप की पगड़ी उछाल दी। जिसके बाद बवाल और बढ़ गया। लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस लाठी चार्ज पर उतर आई। पथराव में इंस्पेक्टर गजेंद्र पालसिंह यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस कुलदीप को थाने ले आई और धारा 307 और क्रिमिनल एक्ट समेत करीब 8 धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया।

सीजीएम कोर्ट में पेश हुआ कुलदीप

कुलदीप पर धारा 307 लगाने का चौतरफा विरोध हुआ। खासकर सिख समाज में। धरने प्रदर्शन हुए। जिसके बाद सदर बाजार थाना पुलिस ने धारा हटाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी। गत 4 अप्रैल को कोर्ट ने धारा 307 और क्रिमिनल लॉ एक्ट 7 हटाने की अनुमति दे दी। बुधवार को कुलदीप को जमानत के लिए सीजीएम कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने सबूत के तौर पर मौके वारदात की सीडी जमा कराई। सुनवाई के बाद जिला जज ने कुलदीप को जमानत दे दी। इसके बाद जिला जेल से करीब 7 बजे कुलदीप को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

ऐसा रहा पूरा घटनाक्रम

- गत 27 मार्च को भारत-आस्ट्रेलिया टी 20 मैच के बाद बेगमपुल पर हुए बवाल और पुलिस पर हुए पथराव में कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया गया था। हंगामा में जहां इंस्पेक्टर गजेंद्र यादव घायल हो गए थे तो कुलदीप की पगड़ी खींच ली गई थी।

- गत 28 मार्च को कुलदीप पर 307 और क्रिमिनल एक्ट समेत 8 धाराएं लगाकर जेल भेज दिया गया। इसी के बाद से विरोध शुरू हो गया और सिख समाज का एक प्रतिनिधिमंडल एसएसपी से मिला। शाम को भाजपा नेताओं समेत सिख समाज के लोगों ने एसएसपी आवास पर जमकर प्रदर्शन किया।

- गत 29 मार्च को मामला पंजाब के डिप्टी सीएम और यूपी के कारागार मंत्री के पास पहुंचा। सिख समुदाय के लोगों ने फिर एसएसपी को घेरा जिसके बाद पुलिस बैकफुट पर आई। एसपी क्राइम ने प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए और फुटेज देखी।

- 30 मार्च को एक बार फिर सिख समाज ने एसएसपी का घेराव किया और पुलिस ने कुलदीप पर से धारा 307 और क्रिमिनल लॉ एक्ट 7 हटाने का निर्णय लिया।

- 31 मार्च को पुलिस ने धारा हटाने के लिए कोर्ट में अर्जी डाली। पुलिस ने सभी धाराएं हटी लीं और सबूत समेत पूरी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी।

- 1 अप्रैल को पुलिस की रिपोर्ट का सीजीएम कोर्ट ने लिया संज्ञान। पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। इसके बाद फिर सिख प्रतिनिधिमंडल ने एसएसपी ऑफिस पर हंगामा किया।

- 4 अप्रैल को पुलिस से जवाब तलब करने के बाद कोर्ट ने धारा हटाने की मंजूरी दे दी। अब जमानत पर 6 अप्रैल को होनी थी सुनवाई।

- 6 अप्रैल को कोर्ट ने कुलदीप की जमानत पर सुनवाई करते हुए उसे मंजूरी दे दी। देर शाम जिला जेल से कुलदीप को रिहा कर दिया गया।