राष्ट्रीय शिल्प मेला में सांस्कृतिक संध्या के छठें दिन मुक्ताकाशी मंच पर कई प्रांतों के कलाकारों ने बांधा समां

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PRAYAGRAJ: उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेला के सांस्कृतिक संध्या के छठवें दिन मुक्ताकाशी मंच कई प्रांतों की लोकनृत्यों की प्रस्तुति से सराबोर रहा। जहां महाकाल की नगरी उज्जैन से आए कलाकारों ने विशाल कुशवाहा की अगुवाई में पारंपरिक ताल वाद्य ढोल की मनमोहक झंकार से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं छत्तीसगढ़ी कलाकारों ने दिनेश जागर्डे की देखरेख में आनुष्ठानिक नृत्य पंथी, मध्य प्रदेश के आदिवासी कलाकारों ने गुदुम्ब बाजा और गुजरात की शक्ति की देवी को समर्पित डांडिया की प्रस्तुति से कलाकारों ने समां बांध दिया।

माधवी ने ओडिसी से बिखेरी छटा

मुक्ताकाशी मंच पर नई दिल्ली से आई माधवी मुद्गल ने ओडिसी नृत्य के माध्यम से जयदेव रचित मधुराष्टकम् की प्रस्तुति की। इसके बाद उन्होंने कृष्ण व गोपियों पर आधारित प्रसंग को वसंत रास के जरिए प्रस्तुत किया तो दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। मेघालय के जनजातीय कलाकारों ने वांग्ला व कर्मा नृत्य और त्रिपुरा के एक दर्जन कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य होजागिरी की प्रस्तुतियां की।