-हर साल मिलती सात-आठ अज्ञात लोगों की डेड बॉडी

-पहचान के अभाव में नहीं हो पाता मर्डर का पर्दाफाश

GORAKHPUR:

खोराबार एरिया का वन्य जीव संरक्षित कुसम्ही जंगल मर्डर कर डेड बॉडी फेंकने के लिए डपिंग यार्ड बन चुका है. कभी साखू और सागौन के पेड़ों की अवैध कटान के लिए सुर्खियों में रहने वाले जंगल की पहचान डेडबॉडी वाले जंगल के रूप में होती जा रही है. शहर से सटे जंगल में आए दिन मर्डर कर फेंकी गई कोई न कोई अज्ञात महिला और पुरुष की डेड बॉडी मिलती है. हालत यह है कि लाशों के मिलने से जहां आमजन जंगल में जाने से परहेज करने लगे हैं. वहीं, कातिलों के लिए कुसम्ही जंगल सबसे सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है. सीओ कैंट का कहना है कि जंगल के रास्तों पर पुलिस की गश्त बढ़ाई जाएगी.

हर साल पांच से छह मर्डर

पुलिस अफसरों का कहना है कि हर साल यहां हत्या कर फेंकी गई महिलाओं और पुरुषों की सात से आठ डेड बॉडी मिलती है. इसमें सबसे ज्यादा तादाद महिलाओं और युवतियों की होती है. जंगल के बीच से देवरिया और कुशीनगर हाइवे का रास्ता गुजरता है. शहर से सटे होने की वजह से आसानी से लोग मर्डर कर डेड बॉडी फेंक जाते हैं. कई बार ऐसा भी हुआ है कि जंगल में ही ले जाकर हत्या की गई.

पिकेट हुई लापता, जंगल में नहीं होती गश्त

जंगल में डेडबॉडी मिलने के बाद पुलिस की आंखें नहीं खुल रही हैं. जंगल में पुलिस की पिकेट नहीं लगती. रात में गश्त न होने से हत्यारों को मौका मिल जाता है. शाम ढलने के बाद आसपास के लोग भी जंगल में नहीं जाते. लकड़ी तस्करों के सिवा जंगल में कोई नहीं जाता. कहा जाता है कि सेटिंग होने की वजह से वन कर्मचारी भी उन पर ध्यान नहीं देते. कुसम्हीं बाजार तक जाने वाले रास्ते पर विनोद वन के पास झोपड़ी में पुलिस चौकी थी. करीब पांच साल पूर्व पक्का निर्माण करने के विवाद में झोपड़ी टूट गई. तभी से वहां पुलिस कर्मचारियों का ठहराव भी नहीं होता है.

हाल के दिनों में मिली डेड बॉडी

02 जून 2019: कुसम्हीं जंगल में फारेस्ट क्लब के सामने चकरोड पर करीब 40 साल की अज्ञात महिला की डेड बॉडी मिली. अब तक पर्दाफाश नहीं हो सका है.

21 मई 2019: कुसम्हीं जंगल में फुटहिया में एक अज्ञात युवक की डेड बाडी मिली. करीब 25 साल के युवक के बदन पर कपड़े नहीं थे.

09 मई 2019: सुबह लोगों ने जंगल में अज्ञात युवती की डेड बॉडी देखी. सब्जी काटने वाले चाकूसे उसका गला रेता हुआ था. करीब 20 साल उम्र की युवती पहचान नहीं हाे सकी.

वर्ष डेडबॉडी

2019 04 अभी तक

2018 06

2017 05

2016 03

2015 04

ये होने चाहिए उपाय

कुसम्ही जंगल संरक्षित वन क्षेत्र है.

आवाजाही रोकने के लिए गश्त होनी चाहिए.

रात में जंगल में जाने वाले रास्तों पर पुलिस की निगरानी हो.

वन कर्मचारी भी संदिग्धों से पूछताछ कर जानकारी लेते रहें.

हर जगह से जंगल में प्रवेश पर प्रतिबंध के लिए तारों की बाड़ बननी चाहिए.

इनकी रही चर्चा, नहीं हो सका पर्दाफाश

09 फरवरी 2018: सुबह लोगों ने पटरी के बीच एक महिला की डेड बॉडी देखी. करीब 30 साल की महिला की हत्या करके उसे सुसाइड का रूप देने का प्रयास किया गया था. उसका गला रेता गया था.

03 फरवरी 2017: करीब 60 साल के व्यक्ति की ईट से सिर कूंचकर फेंकी गई डेड बॉडी मिली. उसकी हत्या करने वालों ने पूरी ताकत लगा दी थी. फारेस्ट हाउस के पास डेड बॉडी मिलने से लोग तरह-तरह की बात करते रहे.

01 मई 2016: चाकुओं से गला काटकर फेंके गए अज्ञात युवक की डेड बॉडी मिली. उसे पत्तों के नीचे छिपाकर रखा गया था. उसके सीने में चाकू घोंपा गया था. चेहरा खराब होने से पहचान नहीं हो सकी.

10 अगस्त 2015: कुसम्हीं जंगल में एक महिला की डेड बॉडी मिली. उसका भी गला रेता हुआ था. उसके कपड़े भी ऐसे थे जिससे लगा कि उसके साथ कोई रेप किया गया. विरोध करने पर बदमाशों ने जान ले ली.

वर्जन

कुसम्हीं जंगल में डेड बॉडी मिलने की जांच पड़ताल की जा रही है. उस एरिया में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाएगी. दो तरफ से रास्ता होने की वजह से यहां मामले सामने आ रहे हैं.

प्रभात राय, सीओ कैंट