- नदी में कल कारखानों का कचरा और केमिकल जाने से काला हो रहा पानी

- नदी के तटीय क्षेत्र के किसानों के खेतों को मिलता है पानी

- नदी के आसपास के क्षेत्रों में मेंटेन है वाटर लेबल

DHURIYAPAR: धुरियापार क्षेत्र से होकर गुजरने वाले कुआनो नदी भी अब प्रदूषण से अछूती नहीं रही। कल-कारखानों का कचरा और केमिकल गिराए जाने के कारण नदी का पानी काला होने लगा है। पहले कल-कल करती नदी का पानी नीला और सफेद दिखाई देता था। जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो हजारों किसानों की उम्मीद कुआनो दम तोड़ देगी।

टैंकर से भर रहे कचरा

कुआनो नदी में लगातार कचरा गिराया जा रहा है। कल कारखानों से निकलने वाला कचरा टैंकर में भरकर कुआनो में डाला जा रहा है। इससे नदी का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र के केशव तिवारी, जयनाथ तिवारी, विरेन्द्र यादव, हरिवंश प्रसाद, मुन्नीलाल यादव, मोहन गुप्ता, हकिमुल्लाह खां, घनश्यामलाल, प्रमोद मिश्रा आदि का कहना है कि इसी साल से पानी का रंग बदला है।

भाग रहे जलीय जीव

धुरियापार नदी में जलीय जीव भी पहले जैसे नहीं दिखाई दे रहे। नदी की सफाई नहीं होने से तलहटी संकरी हो गई है। दो साल पहले तक नदी में साफ दिखाई पड़ने वाले बड़े-बड़े कछुए नजर नहीं आ रहे। माना जा रहा है कि प्रदूषण बढ़ने के कारण जलीय जीव कहीं और पलायित हो रहे हैं।

इन स्थानों को जोड़ती है नदी

कुआनो नदी यूपी के बहराइच जिले से बस्ती, लालगंज, खलीलाबाद, मोखलिसपुर, संतकबीर नगर, सिकरीगंज, धुरियापार होते हुए बेलघाट के शाहपुर में जाकर सरयू नदी में मिल जाती है। ज्यादातर जगहों पर वह शहर के बाहरी इलाके से निकलती है और अधिक से अधिक गांवों को जोड़ती है।

कुआनो से है ये फायदे

पूर्वाचल के मवेशियों को आसानी से कुआनों का शुद्ध पानी पीने को मिलता रहा है जो अब प्रदूषित होने लगा है। साथ ही नदी क्षेत्र का वाटर लेबल मेंटेन रहता है। संतकबीर नगर के मोखलिसपुर में इससे नहर पंप निकाली गई है। जिससे हजारों हेक्टेयर खेतों की सिंचाई होती है।

इन फसलों को फायदा

नदी तट पर रबी फसल, सब्जी, खीरा, तरबूज, नाशपाती, मूंगफली आदि की अच्छी पैदावार होती है। सिंचाई के लिए अलग से कोई कोशिश नहीं करनी होती। नदी किनारे आबादी नहीं होने से इस पर इन्क्रोचमेंट नहीं है, जो सबसे अच्छी बात है।

तो प्रदूषणमुक्त हो जाएगी नदी

- नदी तलहटी की सफाई कराई जानी चाहिए। इससे नदी का प्रवाह बना रहेगा।

- कचरा डालने वाले प्वाइंट्स को चिन्हित कर उस पर रोक लगानी चाहिए।

- नालों के मुहाने पर वाटर ट्रीटमेंट की व्यवस्था होनी चाहिए।

नदी के पानी की जांच करायी जाएगी। कुआनो नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए आवश्यक ठोस कदम उठाये जाएंगे।

- नलिनीकांत सिंह, एसडीएम, गोला