पर क्या जमशेदपुर रेडी है महानगर बनने के लिए? सिटी में खासकर नॉन कंपनी एरियाज में नागरिक सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर की कंडीशन को देखते हुए कई लोग जमशेदपुर के सिटी से मेट्रोपोलिटन सिटी में ट्रांसफार्मेशन पर सवाल उठा रहे हैैं।

मिलेगा metropolitan city का दर्जा

अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री ने हाल ही में जमशेदपुर को महानगर का दर्जा दिए जाने की बात कही है। मगर इस डिसीजन को लेकर सिटी में लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैैं। आगे बढऩे के सपने देखना अच्छी बात है, पर उन सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास भी किए जाने चाहिए, ये कहना है एक्सएलआरआई के प्रोफेसर प्रवाल सेन का। जमशेदपुर को मेट्रोपोलिटन सिटी का दर्जा मिलने के सवाल पर प्रवाल कहते हैैं कि एक ऐसी सिटी जिसके एक के एक बड़े हिस्से में  ड्रिंकिंग वाटर, इलेक्ट्रिसिटी, रोड और एयर कनेक्टिविटी जैसी बेसिक फैसीलिटीज की प्रॉपर व्यवस्था ना हो उसे महानगर  का दर्जा दिए जाने से आम लोगों को किसी तरह का फायदा नहीं हो सकता। सिटी को महानगर का दर्जा मिलने की बात को लेकर कुछ ऐसा ही नजरिया हर वर्ग के लोगो में है।

बिना नागरिक सुविधाओं के कैसे बनेगा metropolitan

किसी भी सिटी के लिए खासकर मेट्रोपोलिटन सिटी के लिए वाटर, इलेक्ट्रिसिटी, हेल्थ, एजुकेशन, साफ-सफाई व ट्रांसर्पोटेशन जैसी नागरिक सुविधाओं का मौजूद होना बेहद जरुरी है। पर जमशेदपुर में इन सभी सुविधाओं का बेहद अभाव है। बाकी सुविधाओं की बात छोड़ दें तो सिटी के गैर कंपनी एरियाज में बिजली और पानी जैसी बेसीक फैसीलिटीज का भी अभाव है।

नहीं हैं basic facilities

जमशेदपुर के कई एरियाज में लोग 10 से 12 घंटे पावर कट की प्राब्लम से जुझ रहे हैैं। कई एरियाज में कंडीशन ऐसी है कि एक बार पावर सप्लाई में कोई खराबी आ गई तो उसे ठीक होने में कई हफ्ते तक का समय लग जाते है। अभी तो कंडीशन ऐसी है कि पिछले दो महीनों से लोगों को इलेक्ट्रिीसिटी बिल तक नहीं नसीब हुआ है। गैर कंपनी एरिया में  साफ-सफाई और वाटर सप्लाई की स्थिती भी कुछ बेहतर नहीं। सिटी में मौजूद जेएनएसी, एमएनएसी और जुगसलाई नगरपालिका जैसी म्यूनिसिपल बॉडीज की लापरवाही और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से सिटी के कई इलाके सालो भर गंदगी में डूबे रहते हैैं। वहीं वाटर सप्लाई की बात करें तो अभी तक सिटी में वाटर सप्लाई का कवरेज एरिया 50 पर्सेंट से भी कम है।

सारे scheme   हुए fail

सिटी को महानगर का दर्जा देकर शायद गवर्नमेंट इसके तेजी से डेवलपमेंट की बात सोच रही हो। पर सिटी के डेवलपमेंट के लिए किए गए दूसरे प्रयासों की तरफ देखें तो ये सारे स्कीम फेल नर आते हैैं। जेएनएनयूआरएम के तहत सिटी के विकास के लिए करोड़ो रुपए का फंड दिया गया पर डेवलपमेंट के नाम पर कोई भी काम पूरा नहीं हो पाया। सिटी के लोगों को गंदगी से छुटकारा दिलाने के लिए जेएनएनयूआरएम के तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट की मंजूरी दी गई थी। करीब 35 करोड़ के लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट की मंजूरी मिले महीनों बीत गए पर अभी तक इसे शुरु नहीं किया जा सका है। कुछ ऐसी ही स्थिती दूसरे प्रोजेक्ट्स की भी है।  

नहीं है प्रॉपर कनेक्टिविटी

किसी भी सिटी के डेवलपमेंट में ट्रांसर्पोटेशन की बेहतर सुविधाओं का अहम रोल होता है। पर जमशेदपुर में रोड, ट्रेन और कनेक्टिविटी तीनों की प्रॉपर फैसीलिटी नहीं मौजूद है। सिटी के अंदर बात करें तो प्रॉपर रोड नेटवर्क ना होने की अक्सर ट्रैफिक जाम की स्थिती पैदा हो जाती है। हर रोज लगने वाले जाम के बावजूद सिटी में एक भी फ्लाईओवर मौजूद नहीं है.  वहीं सिटी से रांची, कोलकाता, भुवनेश्वर जैसे दूसरे बड़े सिटीज को जोडऩे वाले नेशनल हाइवे की कंडीशन भी बेहद खराब है। एयर कनेक्टिविटी की हालत भी बेहद खराब है। इंडस्ट्रियल टाउन होने के बावजूद अभी तक यहां एयरपोर्ट नहीं बनाया जा सका है। सिटी के लोगो को एयरपोर्ट के लिए कई घंटे सफर कर रांची या कोलकाता का सफर करना पड़ता है। सिटी से कंट्री के कई इंर्पोटेंट सिटीज के लिए डाइरेक्ट ट्रेन भी नहीं अवेलेबल है। बंग्लोर, जयपुर जैसे कई महत्वपूर्ण जगहों के लिए सिटी से ट्रेन कनेक्टिविटी नहीं है।

हायर एजुकेशन में फेल

हायर एजुकेशन के मामले में भी सिटी मे कोई व्यवस्था नहीं है। हर साल सिटी से सैकड़ो की संख्या में यूथ हायर स्टडीज के लिए बंग्लोर, पूणे, दिल्ली, मुंबई और भुवनेश्वर जैसे सिटीज का रुख करते हैैं।