JAMSHEDPUR: टेल्को थाना क्षेत्र के जोजोबेड़ा स्थित न्युवोको विस्टास कॉरपोरेशन लिमिटेड के सीमेंट प्लांट में गुरुवार की सुबह लगभग पांच बजे कंपनी के ठेका मजदूर राजेश तिवारी (40) मालगाड़ी चपेट में आ गए। हादसे में उनके दोनों पैर कट गए। घटनास्थल पर ही उनका काफी खून बह गया। साथी मजदूर उन्हें उठा कर पहले टाटा मोटर्स और फिर टाटा मेन अस्पताल ले गए। यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

राजेश की मौत की खबर सुनते ही प्लांट में हंगामा मच गया। नाराज मजदूरों ने हड़ताल कर गेट को जाम कर दिया। प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी हुई। कांग्रेस के नेता व पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता और अन्य यूनियन नेता सीमेंट प्लांट के सामने गेट पर धरने पर बैठ गए। वो मृतक के परिजन को 15 लाख रुपये मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे थे। कई राउंड वार्ता के बाद रात आठ बजे प्रबंधन मृतक की पत्‍‌नी रेणु देवी को 14 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने पर तैयार हुआ। इसके साथ ही पत्‍‌नी को ठेका मजदूर के तौर पर राजेश तिवारी की नौकरी भी मिलेगी। साथ ही पीएफ का भी लाभ मिलेगा। समझौते पर कंपनी के प्रबंधक (पी एंड ए) राहुल चटर्जी, प्रबंधक (सीएसआर) अतुल कुमार, प्रबंधक (प्रशासन) अनिल गोस्वामी के अलावा, प्रशासन की तरफ से सीओ अनुराग तिवारी, पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता, मृतक के भाई अभिषेक तिवारी, चंदन पांडेय के हस्ताक्षर हुए हैं। समझौते के बाद राजेश तिवारी के शव का शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इसके बाद अंतिम संस्कार होगा।

बारीगोड़ा निवासी थे राजेश तिवारी

बारीगोड़ा के ग्रामीण बैंक के नजदीक रहने वाले राजेश तिवारी न्यूवोको सीमेंट प्लांट में ठेका मजदूर थे। वो ठेकेदार गणेश मंडल एंड कंपनी के अधीन काम करते थे। वो प्लांट के पैकिंग एवं लोडिंग मेंटेनेंस सेक्शन में काम करते थे। साथी मजदूरों ने बताया कि कंपनी परिसर में सुबह पांच बजे वो सीमेंट ढोने वाली मालगाड़ी की चपेट में आ गए। मजदूरों ने देखा कि राजेश पटरी पर लहुलुहान पड़े हैं। लोग दौड़ कर उनके पास गए तो देखा कि उनके दोनों पैर कट गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मौके पर ही राजेश का इतना खून बह गया था कि जमीन लाल हो गई थी। उन्हें किसी तरह अस्पताल ले जाया गया। टीएमएच में डॉक्टरों ने उनकी जांच शुरू की और सुबह सवा सात बजे मृत घोषित कर दिया।

12 घंटे तक जाम रहा सीमेंट प्लांट का गेट

हादसे के बाद से ही सीमेंट प्लांट के मजदूरों में आक्रोश था। मजदूरों ने काम बंद कर दिया था। राजेश की मौत की खबर मिलते ही मजदूरों ने हंगामा कर दिया। पूर्व मंत्री कांगे्रस के नेता बन्ना गुप्ता, डा। परितोष सिंह, जम्मी भास्कर, आजसू के संजय सिंह, चंदन पांडेय, यूथ इंटक के राजेश पांडेय, सीमेंट प्लांट ठेकेदार मजदूर यूनियन के अंबुज ठाकुर, संजय मालाकार, अप्पू तिवारी आदि कंपनी पहुंच गए। मजदूरों ने नौ बजे कंपनी का गेट जाम कर दिया और सब वहीं धरने पर बैठ गए। प्रबंधन से मांग की गई कि मृतक के परिजन को 20 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को स्थायी नौकरी दी जाए। बाद में परिजनों ने 15 लाख रुपये मुआवजा की मांग की। बन्ना गुप्ता की प्रबंधन के साथ कई राउंड वार्ता हुई। प्रबंधन मृतक के परिजन को साढ़े 12 लाख रुपये से अधिक देने के लिए तैयार नहीं था। शाम तकरीबन साढ़े छह बजे कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता फिर प्रबंधन से वार्ता करने गए। लंबी वार्ता के बाद रात नौ बजे प्रबंधन के साथ नेताओं और मजदूरों का समझौता हुआ।

कंपनी की लापरवाही से हुआ हादसा

यूथ इंटक के नेता राजीव पांडेय ने बताया कि हादसा कंपनी की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी से हुआ। राजेश तिवारी लोको में मेंटेनेंस का काम करते थे। नियमानुसार मालगाड़ी के पीछे गार्ड होना चाहिए। लेकिन, इस मालगाड़ी के पीछे गार्ड नहीं था। राजेश तिवारी मालगाड़ी के पीछे खड़े थे तभी गाड़ी बैक होने लगी और वो इसकी चपेट में आ गए।

शंटिंग के दौरान हुआ हादसा

प्रबंधन का कहना है कि राजेश तिवारी ने बुधवार को रात की शिफ्ट में काम किया। गुरुवार की सुबह पांच बजे वो नित्य क्रिया के लिए फुटओवर ब्रिज से शौचालय गए। वापसी में वो फुटओवर ब्रिज से न आकर सड़क से आने लगे। तभी एक मालगाड़ी को शंटिंग किया जा रहा था। राजेश तिवारी सड़क रेल क्रासिंग पर मालगाड़ी की चपेट में आ गए। प्रबंधन का कहना है कि हादसे की जांच की जा रही है।

छपरा के मढ़हौरा के रहने वाले थे राजेश

राजेश तिवारी मूल रूप से बिहार में छपरा के मड़हौरा के रहने वाले थे। यहां जमशेदपुर में मृतक के दो भाई अभिषेक तिवारी और बृजेश तिवारी भोला बगान में रहते हैं। यूथ इंटक के राजीव पांडेय मृतक के भांजे हैं। मृतक के दो बच्चे शिवा और सोनी मड़हौरा में ही हैं। वो वहां घूमने गए थे। मड़हौरा में राजेश के परिजनों को दुर्घटना की खबर दे दी गई है। वहां से रिश्तेदार जमशेदपुर के लिए रवाना हो गए हैं।

पत्‍‌नी रेणु का रो-रोकर बुरा हाल

हादसे में पति की मौत के बाद पत्‍‌नी रेणु देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। उनके बारीगोड़ा स्थित आवास पर ढौंढस बंधाने वाले रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों का तांता लगा हुआ है। मोहल्ले वालों का कहना है कि राजेश बढि़या इंसान थे। मुसीबत में सबकी मदद को तैयार रहते थे।

उप मुख्य कारखाना निरीक्षक ने घटनास्थल का लिया जायजा

दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद उप मुख्य कारखाना निरीक्षक बीए कुमार भी न्युवोको कंपनी गए और घटना स्थल की जांच की। इस दौरान उन्होंने मृत कर्मचारी का हेलमेट व जूते का कुछ भाग रेलवे ट्रैक के बगल में पड़ा पाया। आसपास खून के धब्बे भी मिले।

हादसे की जांच के आदेश

उप मुख्य कारखाना निरीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मामले की जांच कारखाना निरीक्षक विनीत कुमार करेंगे। वो पूरे मामले की जांच कर उप मुख्य कारखाना निरीक्षक को विस्तृत रिपोर्ट देंगे।