- दून-हरिद्वार हाईवे पर रायवाला में सुसुवा नदी में अंडरकंस्ट्रक्शन फ्लाईओवर के पिलर में गिरा मजदूर

- मजदूर के ऊपर गिरे एक दर्जन से ज्यादा सीमेंट के भारी पिलर, देर शाम तक नहीं चला मजदूर का पता

देहरादून,

मंडे को हरिद्वार-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर रायवाला के पास सुसुवा नदी में अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लाईओवर पर काम कर रहा एक मजदूर लगभग 20 मीटर खोखले पिलर में गिर गया। मजदूर के ऊपर सीमेंट के 14 से 15 भारी-भरकम ब्लॉक्स भी गिर गए। देर शाम तक एसडीआरएफ और पुलिस मजदूर की तलाश के लिए सर्च रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन मजदूर नहीं मिल पाया। पिलर के अंदर गंदा पानी भरा हुआ है, ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन में भी दिक्कत आ रही है। एसडीआरएफ के गोताखोरों ने कई बार पानी में गोता लगाकर तलाश की लेकिन फिर भी पता नहीं चला। पुलिस का यह भी दावा है कि जिस तरह से हादसा हुआ है, उसमें मजदूर का बचना मुश्किल है।

टूटा लकड़ी का फट्टा, हुआ हादसा

जानकारी के अनुसार हरिद्वार-देहरादून नेशनल हाईवे पर सुसुवा नदी में फ्लाईओवर के लिए पिलर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। मंडे सुबह नदी में आधा बने एक पिलर पर क्रेन की हेल्प से भारी सीमेंट के ब्लॉक्स रखे जा रहे थे। पिलर के ऊपर मजदूर इन ब्लॉकों को अरेंज कर रहे थे, इस दौरान एक मजदूर के पैरों के नीचे सहारे के लिए लगाया गया लकड़ी का फट्टा टूट गया। उसने खुद को संभालने की कोशिश की और क्रेन के तार को पकड़ लिया। तार को पकड़ते ही सीमेंट के ब्लॉक भर-भराकर गिर पड़े और ब्लॉक्स के साथ मजदूर भी खोखले पिलर में जा गिरा। हादसे से मजदूरों में हड़कंप मच गया। हादसे की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। देर शाम तक तलाश के बावजूद मजदूर का पता नहीं चला। रायवाला थाना इंचार्ज अमरजीत सिंह रावत ने बताया कि पिलर की गहराई लगभग 20 मीटर है और उसमें पानी भरा हुआ है। मजदूर के ऊपर सीमेंट के 14 से 15 भारी-भरकम ब्लॉक्स भी गिर गए हैं। फिलहाल उसका कोई पता नहीं चल पाया है। पिलर में गिरे मजदूर का नाम गौतम (20) पुत्र सोहनलाल है। वह काजीपुर गांव थाना खरखोदा यूपी का रहने वाला है।

मजदूरों की सेफ्टी का नहीं इंतजाम

हादसे में कार्यदायी संस्था की लापरवाही भी सामने आई है। फ्लाईओवर का कंस्ट्रक्शन यूपी ब्रिज कॉर्पोरेशन कर रहा है। कंस्ट्रक्शन वर्क पर रखे गए मजदूरों को सेफ्टी इक्विपमेंट तक नहीं दिए गए हैं। जो मजदूर हादसे का शिकार हुआ उसने न तो सेफ्टी बेल्ट लगाई हुई थी न ही पैरों को सपोर्ट देने के लिए मजबूत इक्विपेंट लगाए गए थे। लकड़ी के फट्टे पर पैर टिकाए मजदूर सीमेंट के बारी ब्लॉक्स को व्यवस्थित कर रहे थे, ऐसे में लकड़ी का फट्टा टूट गया और मजदूर हादसे का शिकार हो गया।