- सचिवालय में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य रोजगार गारंटी परिषद की हुई बैठक

DEHRADUN: उत्तराखंड में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में मजदूरी बढ़ाने की तैयारी है। मनरेगा के तहत राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मनरेगा में मजदूरी दर प्रचलित मजदूरी दर के सापेक्ष तय करने के मद्देनजर केंद्र को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के पलायन प्रभावित गांवों में विभिन्न योजनाओं को मनरेगा से जोड़ने पर भी जोर दिया।

केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में हुई राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक में मनरेगा में मजदूरी बढ़ाने का मसला भी उठा। बताया गया कि वर्तमान में मनरेगा में 182 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी तय है। प्रचलित मजदूरी की दर इससे कहीं अधिक है। इस पर सीएम ने मजदूरी में वृद्धि का प्रस्ताव केंद्र को भेजने के निर्देश दिए। वजह ये कि इस बारे में निर्णय केंद्र को ही लेना है। सीएम ने पलायन प्रभावित गांवों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां मनरेगा के तहत समग्र विकास को खास कार्यक्रम संचालित किए जाएं। इसके लिए प्रभावी रणनीति तैयार कर इसे धरातल पर उतारने की जरूरत है। उन्होंने मनरेगा में वन्यजीवों से सुरक्षा को वन सीमा पर ट्रेंच निर्माण, मत्स्य एवं अन्य विभागों से तालमेल कर मछली व बतख पालन को भी मनरेगा में शामिल कराने को कहा। साथ ही इच्छुक परिवारों को शीघ्र जॉबकार्ड मुहैया कराने, विभिन्न विभागों की योजनाओं को मनरेगा से जोड़ने, योजनाओं की भौतिक प्रगति की निरंतर मॉनीट¨रग करने, आउटकम पर ध्यान देने, ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे हाट बाजार विकसित करने संबंधी निर्देश भी दिए। सीएम ने कहा कि सरकार शीघ्र ही मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू करने जा रही है। इसके तहत भी मनरेगा को शामिल कर अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने वंचित परिवारों को व्यक्तिगत आजीविका संव‌र्द्धन संबंधी प्रदान किए जा रहे कार्य वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, अपर सचिव उदयराज सिंह समेत परिषद के पदाधिकारी व अधिकारी मौजूद थे।