- जेडी बेसिक, एडी बेसिक, डीआईओएस और बीएसए ऑफिस में नहीं दिखते कंप्यूटर

- एजुकेशन को हाईटेक बनाने चला एजुकेशन डिपार्टमेंट खुद ही है पीछे

- कई इंप्लॉइज खुद के लैपटॉप से भेजते हैं सूचनाएं

GORAKHPUR: एजुकेशन को हाईटेक करने में जुटा एजुकेशन डिपार्टमेंट अभी खुद आधुनिक टेक्नोलॉजी के मामले में बहुत पीछे है। ये हम नहीं कह रहे, गोरखपुर स्थित एजुकेशन डिपार्टमेंट के ऑफिसेज का हाल बयां कर रहा है। इन ऑफिसेज से डेली करीब 3-4 सौ सूचनाओं का आदान-प्रदान करना होता है। लेकिन जेडी बेसिक, एडी बेसिक, डीआईओएस और बीएसए ऑफिस तक कहीं भी पर्याप्त कंप्यूटर्स तक नहीं हैं। आलम ये है कि इधर-उधर जाने की प्रॉब्लम से बचने के लिए इंप्लॉइज अपना लैपटॉप लेकर आते हैं। काफी समय से इसी तरह काम चल रहा है। वहीं, दूसरी फैसिलिटीज का हाल भी यहां खस्ता ही नजर आता है। इन ऑफिसेज में वाई-फाई भी अभी तक नहीं लग पाया है जिसके अभाव में नेट के लिए भी इंप्लॉइज को जेब ढीली करनी पड़ती है। बीएसए ऑफिस में वाई-फाई लगा भी है तो हमेशा खराब ही रहता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में ये हालात सामने आए।

दोबारा नहीं लगे जेडी ऑफिस के खराब कंप्यूटर

जेडी ऑफिस में काफी पहले कंप्यूटर लगे थे जो एक बार खराब हुए तो उन्हें कबाड़खाने में डाल दिया गया। इसके बाद से उनकी जगह दूसरे कंप्यूटर आज तक नहीं लग सके हैं। इस वजह से इंप्लॉइज की टेबल पर अभी भी केवल फाइलें नजर आती हैं। वहीं शासन को कोई सूचना भेजनी होती है तो उन्हें इधर-उधर चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसी ऑफिस में कुछ ऐसे भी कमरे हैं जहां इंप्लॉइज अपना लैपटॉप, प्रिंटर साथ लेकर आते हैं और साथ लेकर जाते हैं।

डीआईओएस ऑफिस में भी अभाव

वहीं डीआईओएस ऑफिस की बात करें जहां से शहर के सारे इंटर कॉलेज गवर्न होते हैं, वहां पर भी कंप्यूटर का अभाव साफ दिखता है। जबकि यहीं से अधिकारी सारे कॉलेज को हाईटेक और कैमरे से लैस होने का निर्देश देते रहते हैं। यहां के अधिकारी का कहना है कि डिमांड की गई है। बहुत जल्द नए कंप्यूटर ऑफिस में लगाए जाएंगे। इसके बाद वाई-फाई भी लगवाया जाएगा।

बीएसए ऑफिस में खस्ता है हाल

इसी तरह बीएसए ऑफिस में ही केवल दो कंप्यूटर एलॉट किए गए हैं जिनके भरोसे सारा काम होना बहुत मुश्किल है। यहां भी इंप्लॉइज ने अपनी जेब ढीली कर लैपटॉप और वाई-फाई कनेक्शन लिया है। वहीं बीएसए का कहना है कि समय-समय पर डिमांड की जाती है। इसी तरह एडी ऑफिस में भी इक्का-दुक्का कंप्यूटर के भरोसे काम चल रहा है। एजुकेशन डिपार्टमेंट का ये सारा मैनेजमेंट उनकी पोल खोलता नजर आ रहा है। इसी से पता लगता है कि लाख कोशिश के बाद भी एजुकेशन आखिर क्यों हाईटेक नहीं हो पा रही है।

शिक्षा मंत्री को दिया लेटर

सभी इंप्लॉइज ने कंप्यूटर, प्रिंटर, वाई-फाई की डिमांड का लेटर अभी कुछ दिन पहले आए शिक्षा मंत्री को सौंपा था। शिक्षा मंत्री ने जल्द लगवाने का आश्वासन भी दिया है।

कोट्स

ऑफिस में जल्दी काम निपटाने का प्रेशर रहता है। लेकिन काम जल्दी हो सके इसके लिए कुछ किया नहीं जाता है। ऑफिस में कंप्यूटर का अभाव इसका उदाहरण है।

अरविंद पांडेय, इंप्लॉई

सभी सरकारी ऑफिसों में अपना कंप्यूटर होता है। यहां पर सुविधाएं हाईटेक करने की केवल बात होती है। उसके लिए कोई काम नहीं होता है।

- दुर्गेश प्रताप राव, इंप्लाई

अपना लैपटॉप लाओ तब काम होता है। जिसके पास नहीं है वह इधर-उधर भटकता रहता है। दूसरे काम का प्रेशर अलग रहता है।

सुनिल कुमार मिश्रा, इंप्लॉई

बार-बार अधिकारियों को बताया जाता है लेकिन अधिकारी इसे सीरियसली नहीं लेते हैं। अभी कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री को भी इस बात से अवगत कराया गया है।

- राजेश श्रीवास्तव, इंप्लॉई

वर्जन

मैंने कम्प्यूटर के लिए डिमांड की है। बहुत जल्द नए कंप्यूटर ऑफिस में आ जाएंगे। इसके बाद वाई-फाई कनेक्शन भी लिया जाएगा।

- ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस

कंप्यूटर की कमी है। इसे बहुत जल्द दूर कर लिया जाएगा। ऑफिस में वाई-फाई की सुविधा भी दी जाएगी।

योगेन्द्र नाथ सिंह, संयुक्त निदेशक, शिक्षा

ऑफिस में काम चल रहा है। समय-समय पर इसकी डिमांड की जाती है। कुछ और कंप्यूटर्स की डिमांड की गई है।

बीएन सिंह, बीएसए