- सिटी की ज्यादातर सड़कों पर नहीं हैं जेब्रा क्रॉसिंग

- गलती से ट्रैफिक रूल तोड़ देते वाहन सवार, एक्सीडेंट्स की भी वजह

GORAKHPUR: सिटी में ट्रैफिक रूल्स टूटने में पब्लिक की मनमानी के साथ ही लापरवाह जिम्मेदारों की उदासीनता का भी बड़ा हाथ है। सड़क-चौराहों पर यातायात नियमों से जुड़े साइन बोर्ड लगाना तो छोडि़ए, सड़कों पर जेब्रा क्रॉसिंग बनाना तक जिम्मेदारों को याद नहीं है। ये भी एक वजह है कि जहां वाहन सवार अक्सर गलती से सिग्नल तोड़ देते हैं, वहीं इसके चलते अक्सर एक्सीडेंट भी हो जाते हैं। सिटी की बात करें तो यहां कई चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग नहीं बनी है जिसके चलते वाहन चालक सिग्नल पर अपने वाहन पीली पट्टी के आगे लेकर चले जाते हैं और पैदल राहगीरों को रोड पार करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। जबकि ट्रैफिक रूल के मुताबिक सड़क पर जेब्रा क्रॉसिंग बनाई जानी कंपल्सरी है। हालांकि पूर्व मेयरों का कहना है कि उनके कार्यकाल में जेब्रा क्रॉसिंग बनी हुई थीं लेकिन नई सड़कों के निर्माण के चलते मिट गई।

क्या होती है जेब्रा कॉसिंग

रेड सिग्नल होने पर चालकों को अपने वाहन सड़क पर बनी पीले रंग की पट्टी के पीछे खड़े करने होते हैं। इसी पट्टी के आगे आमतौर पर पेंट की बनी पट्टी, जेब्रा क्रॉसिंग होती है। यह पैदल लोगों को रोड क्रॉस करने में मदद करती है। जेब्रा क्रॉसिंग विशेषकर पैदल लोगों की सुविधा के लिए बनाई जाती है। लेकिन सड़क पर जेब्रा क्रॉसिंग नहीं होने पर वाहन चालक आगे वाहन ले जाकर खड़े कर देते हैं। जिससे पैदल लोगों को रोड क्रॉस करने में दिक्कत होती है।

वर्जन

शास्त्री चौक पर जेब्रा क्रॉसिंग बनी हुई है। चीफ इंजीनियर से बात हुई है। जल्द ही सभी चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग बनाने का काम पूरा लिया जाएगा।

- सीताराम जायसवाल, मेयर

हमारे समय में जेब्रा क्रॉसिंग बनी हुई थीं लेकिन उस पर फिर से काम नहीं हो सका है। नई सड़कें बनने पर जेब्रा क्रॉसिंग भी बनाई जानी चाहिए। ट्रैफिक सिग्नल भी अच्छे से काम नहीं करते हैं। ऐसे में जेब्रा क्रॉसिंग का कोई मतलब नहीं है।

- पवन बोथवाल, प्रथम मेयर गोरखपुर

हमारे समय में जेब्रा क्रॉसिंग बनी थीं। सड़क किनारे गाडि़यां खड़ी करने के लिए भी मार्क बनाए गए थे। नई रोड्स के निर्माण के कारण मिट जाते हैं।

सत्या पांडेय, पूर्व मेयर

जेब्रा क्रॉसिंग जरूर बनाए जाने चाहिए। ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए यह जरूरी है। जेब्रा क्रॉसिंग कब बना था मुझे ध्यान नहीं है।

राकेश त्रिपाठी, सीओएम, रेलवे