- दमकल स्टाफ की कमी, जरूरत के हिसाब से उपकरण कम

- तीन तहसील क्षेत्रों की जिम्मेदारी, आग बुझाने में छूट जाता पसीना

UNNAO: फायर स्टेशन बांगरमऊ के जर्जर संसाधन और स्टाफ की कमी आसपास के गांवों के लिए खतरे का कारण बन सकती है। एक केंद्र के भरोसे तीन तहसील क्षेत्रों के दर्जनों गांव हैं। अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो आग पर काबू पाना मुश्किल हो जाएगा। दमकल कर्मी पुराने संसाधनों से काम चला रहे हैं। अक्सर घटना के बाद समय पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। पहुंचने के बाद स्टाफ कम होने की वजह से गांव वालों को मदद में संग जुटना पड़ता है।

तीन क्षेत्र संभाल रहा केंद्र

अग्निशमन केंद्र बांगरमऊ के अंतर्गत फतेहपुर चौरासी, सफीपुर, बांगरमऊ थाना क्षेत्र समेत हरदोई सीमा, संडीला सीमा व चकलवंशी आदि गंगा कटरी क्षेत्र के हरदोई सीमा से लेकर परियर तक बसे गांव आते हैं। जब भी इन क्षेत्रों में अग्निकांड होते हैं तो यह अग्निशमन केंद्र के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो जाती है। सिर्फ एक जीप, ट्रॉली पंप और एक मोटर फायर इंजन के सहारे दमकलकर्मियों को पूरी लड़ाई लड़ने में पसीने छूट जाते हैं।

संसाधन मिले पर उपयोगी नहीं

जीप का इस्तेमाल तभी हो पाता है जब गांव में ही पानी उपलब्ध हो सके। मोटर फायर इंजन पर ख्भ् हजार लीटर पानी साथ लेकर जाते हैं, लेकिन पानी खत्म हो जाने के बाद अक्सर घंटों इंतजार करना पड़ता है। मोटर फायर इंजन लगभग ख्भ् साल पुराना हो चुका है जो अक्सर खराब होने पर रास्ते में खड़ा हो जाता है। यही हाल जीप ट्रॉली पंप का भी है।

संसाधनों की कमी से जूझ रहे

जरूरत के हिसाब से केंद्र पर दो चालक, दो हेड और सोलह सिपाही होने चाहिए मगर फिलहाल यहां एक चालक, दो हेड और सात सिपाही मौजूद हैं। विस्तार को देखते हुए कम से कम केंद्र पर दो जीप, दो मोटर फायर इंजन होने चाहिए।

कर्मचारियों ने गिनाई समस्याएं

केंद्र के कमर्चारी बताते हैं कि शादी विवाह या परिवार में कोई जरूरत होने पर छुट्टी मिलना मुश्किल होता है। कहीं पानी की कमी से जूझना पड़ता है तो कहीं रास्ते में गली-गली फैले बिजली के तार गाडि़यां लाने-ले जाने में दिक्कत करते हैं।

बयान:

यदि कहीं अग्निकांड हो जाए तो जब तक गाड़ी वहां पहुंचे तब तक पानी की व्यवस्था हो जाए तो घंटों इंतजार करना न पड़े। इससे आग बुझाने में सहूलियत मिल सके।

- विमल कुमार श्रीवास्तव, अग्निशमन केंद्र प्रभारी