- विभाग ने लगातार घट रहे राजस्व को देखते हुए लिया फैसला

- पिछले दो सालों से मेडिकल से मोदीपुरम चल रही थी महिला बस

आई एक्सक्लुसिव

Meerut: जेएनएनयूआरएम की महत्वाकांक्षी योजना के तहत चलाई गई महिला बस सेवा घटते राजस्व के चलते धड़ाम हो गई। नतीजा यह हुआ कि विभाग ने अब महिला बस को फैमिली बस कर दिया है। साथ ही उसका कंडक्टर भी अब पुरुष कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि लगातार हो रहे घाटे के चलते यह निर्णय लिया गया है। अब बस में पूरा परिवार एक साथ सफर कर सकेगा।

चलती थीं दो बसें

फरवरी 2013 को जेएनएनयूआरएम ने शहर की मांग के बाद मेडिकल से मोदीपुरम दो महिलाएं बसें चलाई थीं, जिसमें ड्राइवर को छोड़कर किसी पुरुष का प्रवेश वर्जित था। यहां तक कि बस में कंडक्टर भी महिला ही थी। बसों को शुरू होने के एक दो माह बाद तो सवारी मिली। उसके बाद धीरे-धीरे सवारी कम होती गई, जिसके चलते बसों के चक्कर भी ड्रॉप किए गए।

हो रहा था घाटा

विभागीय जानकारी के अनुसार महिला बसों के दिन भर में छह चक्कर निर्धारित किए थे। उसके बाद घटाकर चार कर दिए गए। लेकिन फिर भी बसों को पर्याप्त सवारी नहीं मिल रही थी। पिछले दो साल से विभाग वेट एंड वॉच की भूमिका में था।

परिवार के साथ कर सकेंगे सफर

नई व्यवस्था में अब महिला बस में पत्‍‌नी व बच्चों के साथ पुरुष भी सफर कर सकेंगे। साथ ही अब बस का कंडक्टर महिला रहे यह भी जरूरी नहीं है। बस की सीट पर वही पुरूष बैठ सकता है जिसकी फैमिली साथ होगी।

लगातार घट रहे राजस्व को देखते हुए महिला बसों को फैमिली बस किया गया है।

संदीप लाहा, एमडी सिटी बस