-कोर्ट को मिल गई थी बीमारी की सूचना, सजा सुनाए जाने के बाद पहुंचे लालू

रांची : दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में फैसला सुनाए जाने के दौरान लालू प्रसाद कोर्ट में उपस्थित नहीं थे। लालू प्रसाद को राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) से जब तक कोर्ट लाया गया उन्हें दोषी ठहरा दिया गया था। कोर्ट पहुंचे लालू प्रसाद बेचैन नजर आ रहे थे। उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर जज को प्रणाम किया। जज शिवपाल सिंह ने उन्हें देखकर कहा कि इनको काहे ले आए हैं, आने की जरूरत नहीं थी, तबीयत खराब की सूचना मिली। इन्हें तत्काल ले जाइए। जज ने लालू को कहा कि राणा (डॉ। आरके राणा) निकल गए हैं। आपका शार्गिद निकल गया है और आप दोषी पाए गए हैं। लालू ने कहा, हुजूर क्या सजा दिए हैं। इस दौरान वे थोड़े उतावले दिखे। जज ने कहा कि अभी आप दोषी ही करार दिए गए हैं। सजा के बिंदु पर सुनवाई बाद में होगी। इसके बाद लालू प्रसाद महज दो मिनट रहकर अपनी उपस्थिति से संबंधित प्रपत्र में हस्ताक्षर कर कोर्ट से निकल गए। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद बीमारी की स्थिति में रिम्स में भर्ती हैं। उन्हें एंबुलेंस से रिम्स से कोर्ट लाया गया था।

---------

जज ने कहा, जेल ने अवगत नहीं कराया कि लालू बीमार हैं :

मामले में फैसला सुनाए जाने के पूर्व लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने अदालत में आवेदन देकर कहा कि लालू प्रसाद बीमार हैं और रिम्स में भर्ती हैं। इसलिए जेल प्रशासन को रिम्स से कोर्ट एंबुलेंस से लाने का आदेश किया जाए। लालू प्रसाद की ओर से आवेदन को देखकर अदालत ने कहा कि जेल से उन्हें इंफार्म (अवगत) नहीं किया गया है कि वे बीमार हैं। लालू के आवेदन पर सुनवाई हुई। सीबीआइ की ओर से वरीय विशेष लोक अभियोजक राकेश प्रसाद ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद जेल से बाहर नहीं हैं कि उन्हें फरार माना जाए। वे न्यायिक हिरासत में ही हैं, इसलिए उनकी अनुपस्थिति में भी सजा सुनाई जा सकती है। सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुनाना शुरू किया। अदालत ने सबसे पहले अधीप चंद्र चौधरी को बरी करते हुए दस्तखत कर बाहर जाने का आदेश दिया।

---------