-सीबीआइ कोर्ट ने जेल अधीक्षक को पेश करने का दिया आदेश

-डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपया अवैध निकासी में मुख्य आरोपित हैं लालू

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रांची : चारा घोटाले के चार अलग-अलग मामले में पहले से ही सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव एक अन्य मामले में सजा की ओर बढ़ रहे हैं। रांची के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपया अवैध निकासी मामले में 16 जनवरी को लालू प्रसाद यादव का बयान सीबीआइ अदालत में दर्ज होगा। मंगलवार को सीबीआइ के विशेष जज एके मिश्रा की अदालत ने जेल अधीक्षक को लालू प्रसाद यादव को सशरीर अदालत में पेश करने का आदेश निर्गत किया गया। घोटाला में लालू प्रसाद सहित 111 आरोपित ट्राइल फेस कर रहे हैं। जिसमें 109 आरोपितों का बयान दर्ज किया जा चुका है। लालू व एक पशु चिकित्सक डॉ शिवनंदन प्रसाद का बयान लेना बाकी है। डॉ शिवनंदन प्रसाद को भी अदालत द्वारा नोटिस भेजा गया था, लेकिन बीमार होने के कारण बयान दर्ज कराने नहीं आ सके हैं। सीबीआइ इनका बयान शपथ पत्र के जरिये ले सकती है।

पशुपालन मंत्री से पूछे गए 12 सवाल

मंगलवार को तत्कालीन पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद अदालत में पेश हुए। वे करीब 11 बजे अदालत पहुंचे। विशेष जज एसके शशि के आदेश से उनका बयान कलमबंद किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी कर रहे पीपी बीएमपी सिंह ने भ्रष्टाचार से जुड़े 12 प्रश्न पूछे। अधिकतर प्रश्न के जवाब में उन्होंने खुद को निर्दोष बताया। अदालत से कहा कि मंत्री रहते हुए कई लोग उनसे मिलने आते थे। वे घोटाले के संबंध में कुछ भी नहीं जानते हैं।

रिम्स में भर्ती हैं लालू प्रसाद

लालू प्रसाद चारा घोटाले से जुड़े चार अलग-अलग मामलों में सजायाफ्ता हैं। दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में सबसे ज्यादा सात-सात साल(कुल 14 साल) जेल की सजा सुनाई गई थी। गंभीर बीमारी को देखते हुए लालू प्रसाद फिलहाल पुलिस कस्टडी में रिम्स में इलाजरत हैं।

बचाव पक्ष की होगी गवाही

आरोपितों के बयान दर्ज होने के बाद बचाव पक्ष की ओर से गवाह पेश किए जाएंगे। आरोपितों की ओर से अदालत में गवाहों की लिस्ट सौंपी जाएगी। अदालत के आदेश से गवाही आरंभ होगी। गवाही के उपरांत बचाव पक्ष एवं अभियोजन पक्ष में बहस होगी। इसके बाद सजा की बिंदु पर सुनवाई होगी।