- शहर के किनारे धड़ल्ले से बन रहीं नई कॉलोनियां

- गोरखपुर-वाराणसी रोड पर 513 एकड़ ताल की जमीन पर तैयार हो रही कॉलोनी

- शिकायत के बाद जमीन की प्रशासन ने शुरू की जांच

 

GORAKHPUR: शहर में ताल-पोखरों को बचाने के लिए प्रशासन की तरफ से तमाम मुहिम चलाई जा रही हैं। लेकिन भू माफियाओं की मनमानी के आगे तमाम कवायदें फेल हैं। मनमाने तरीके से ताल-पोखरों की जमीन को पाट बकायदा प्लॉटिंग कर बेच दिया जा रहा है और जिम्मेदार कुछ नहीं कर पा रहे। गोरखपुर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। शहर के किनारे गोरखपुर-वाराणसी रोड पर 513 एकड़ ताल की जमीन पर बिल्डरों ने कॉलोनी बना प्लॉटिंग कर उसे बेचना भी शुरू कर दिया और प्रशासन को इस बात की जरा भी भनक नहीं लगी। मामले की कंप्लेन के बाद जब पत्र अधिकारियों तक पहुंचे तो सबके होश उड़ गए। इसके बाद जब जमीन के कागजों की पड़ताल की गई तब परत दर परत खुलती जा रही है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो बहुत जल्द इस पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

 

पुराने सरकारी कागज में दर्ज है ताल

बेलीपार एरिया के शिकायतकर्ता संजय सिंह ने सीएम से लेकर गोरखपुर प्रशासन तक इस मामले की शिकायत की है। संजय का आरोप है कि तालनदोर तप्पा हवेली परगना भौवापार तहसील सदर जिला गोरखपुर में करीब 513 एकड़ ताल पुराने सरकारी कागजात में दर्ज है। लेकिन बन्दोवस्त में मौजा होने के कारण अवैध तरीके से ताल की जमीन कुछ लोगों ने गलत ढंग से अपने नाम करा ली।

 

प्लॉटिंग कर बेच दी जमीन

शिकायतकर्ता का आरोप है कि ताल की जमीन पर कई बिल्डर कब्जा कर चुके हैं। इस जमीन पर बिल्डरों ने फर्जी ढंग से अपना नाम चढ़वाकर अलग-अलग कॉलोनी बना उसमें प्लॉटिंग की है। जिसमें से कई प्लॉटों को बेचा भी जा चुका है। आरोप है कि इस जमीन पर पूर्व में अधिकारी ने सभी निर्माण पर रोक भी लगाई थी लेकिन इसके बाद भी यहां निर्माण हो रहा है। साथ ही डेली कोई ना कोई यहां प्लॉट देखने भी आता है। कई लोगों ने प्लॉट खरीद भी लिए हैं।

 

शहर में ऑफिस से होती खरीद-फरोख्त

ताल की जमीन पर कब्जा जमाए बिल्डर्स शहर में अपना आलीशान ऑफिस बनाए हुए हैं। जहां से प्लॉट की खरीद-फरोख्त चल रही है। यहां आने पर इनकी स्कीम हर किसी को लुभाती है। शहर से सस्ता रेट और फोरलेन किनारे की जमीन खरीदने का हर किसी का शौक होता है। वहीं जब सस्ती मिले तो और ज्यादा लोग इंट्रेस्ट दिखाते हैं।

 

लखनऊ से मंगाया कागज

शिकायतकर्ता संजय सिंह ने लखनऊ ट्रेजरी ऑफिस जहां पर हर जिले की जमीन का लेखा-जोखा होता है। वहां खुद जाकर इस जमीन का कागज निकाला है। ट्रेजरी ऑफिस से निकले कागजात में आज भी ताल शो कर रहा है।

 

करोड़ों-अरबों का वारा-न्यारा

ताल की जमीन से करोड़ों-अरबों रुपए का वारा-न्यारा हो रहा है। इस पर बहुत जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आगे कई लोगों का पैसा भी फंस सकता है जो यहां घर बनाने का सपना देख रहे होंगे।

 

वर्जन

तालनदौर की जमीन की पड़ताल की जा रही है। यहां पर कोई खरीद-फरोख्त करना गलत है। आम पब्लिक को अभी इसमें फंसने की जरूरत नहीं है। जांच के बाद ही कुछ तय हो पाएगा कि यहां क्या था।

- सोमनाथ मिश्रा, बन्दोबस्त अधिकारी, चकबंदी