कानपुर। 2002 NN4 शनिवार को पृथ्वी के पास से गुजरा। नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज के अनुसार, इसका अनुमानित व्‍यास 1870 फीट है। इसकी हमारे ग्रह से दूरी लगभग 3.2 मिलियन मील थी, चंद्रमा व पृथ्वी के बीच दूरी का 13 गुना। नासा का कहना है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं थी और इस प्रकार की घटनाएं सामान्य हैं। पिछले अगस्त में, एक क्षुद्रग्रह जो आकार में एनएन 4 के समान था, पृथ्वी के करीब से गुजरा था।

यह उल्‍का पिंड लंबाई में एक मील से भी है। सबसे बड़ा ज्ञात क्षुद्रग्रह जो सूर्य की परिक्रमा कर रहा है लंबाई में 21 मील का है, नासा के ग्रह रक्षा समन्वय कार्यालय के लिंडले जॉनसन ने पिछले साल सीएनएन को बताया था। फिर भी, किसी उल्‍कापिंड के वास्तव में पृथ्वी से टकराने की संभावना बेहद कम है - हर दो या तीन शताब्दियों में एक बार होने वाली घटना, जॉनसन ने उस समय कहा था।

2013 में, रूस के ऊपर पृथ्वी के वायुमंडल से सिर्फ 55 फीट व्यास का एक उल्का टूट गया। उल्का ने वास्तव में ग्रह के साथ प्रभाव नहीं डाला, लेकिन विस्फोट अभी भी 1,000 से अधिक लोगों को घायल कर चुका है। लाखों मील दूर होने के कारण, 2002 के NN4 के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। अगली बार 2002 एनएन 4 जून 2029 में हमारे करीब से होकर गुजरेगा।

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