- बदहाल शिक्षा व्यवस्था व महिला उत्पीड़न के विरोध में कर रहे थे प्रदर्शन

- विधानभवन की ओर बढ़ने पर पुलिस से हुई तीखी झड़प

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेज दिया। एबीवीपी के कार्यकर्ता अपने हुजूम के साथ विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे। पुलिस ने पहले से ही बैरेकेडिंग कर रखी थी। कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प शुरू हो गई। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में दर्जनभर प्रदर्शनकारी घायल हो गए।

विधानसभा गेट पर चढ़ने की कोशिश

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने अपने धरने की शुरुआत सुबह 11 बजे कर दी थी। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। विधानभवन के सामने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। पुलिस कर्मियों ने रुक-रुककर तीन बार लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस पर पथराव किया। लाठीचार्ज में जिला संगठन मंत्री अभिलाष मिश्रा, नवनीत मिश्रा, अभिषेक तिवारी, सत्यम गुप्ता, अंजनी, विनय, अजय शुक्ला, विनय विक्रम, रजत सिंह, मानस भूषण, सत्यभान, रमन सिंह समेत दर्जन भर कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें आई हैं। जिन्हें इलाज के लिए सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस पर बर्बरता का आरोप

एबीवीपी के संगठन मंत्री सत्यभान भदौरिया ने बताया कि उनका धरना पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। कार्यकर्ताओं ने किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की। इसके बावजूद प्रशासन के आदेश पर पुलिस ने उन पर बर्बर तरीके से लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की मिलीभगत से यह संभव हुआ है, क्योंकि लाठीचार्ज एक बार नहीं बल्कि रुक-रुक कर तीन से चार बार किया गया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर 17 सूत्रीय मांगों और महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने विशाल धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की थी।

खस्ताहाल व्यवस्था को सही करने की मांग

प्रांत संगठन मंत्री सत्यभान सिंह ने बताया कि लगातार फीस वृद्धि से छात्रों को परेशानी हो रही है। इसे लेकर कई बार सरकार को चेताया जा चुका है। इसके बाद भी वह हमारी मांगों को लगातार अनसुना कर रही है। छात्रसंघ चुनाव को लेकर सरकार तनिक भी संजीदा नहीं दिख रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सभी उच्च-शिक्षण संस्थानों में पुस्तकालय और प्रयोगशालाओं में उपकरणों का खासा अभाव है। इस पर सरकार सुध नहीं ले रही है। यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजों का शैक्षिक कैलेंडर भी घोषित नहीं हो रहा है। जिला संगठन मंत्री अभिलाष मिश्रा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा बढ़ाई गई 30 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश नहीं हो रहे हैं। शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता जीरो है। बस फीस हर बार बढ़ती जा रही है। प्रदेश सरकार छात्रों की संख्या ध्यान में रखते हुए समस्त जिलों में नए सरकारी डिग्री कॉलेजों की संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए।