तीज आते ही महिलाओं ने शुरू की चूडि़यों की खरीदारी

- बाजारों में उमड़ने लगी भीड़, खूब बिकने लगा घेवर और सिंदारा

Meerut। सावन हो और महिलाओं के सोलह श्रृंगार की बात न हो तो क्या कहने। सावन का महीना लगते ही महिलाएं तीज की तैयारियों में जुट जाती हैं। तीज का त्योहार नजदीक होने की वजह से शास्त्रीनगर, आबूलेन, सेंट्रल मार्केट और लालकुर्ती सहित सभी बाजार हरे व लाल रंग में सज गए हैं, क्योंकि सावन के महीने में हरे व लाल रंग का सबसे अधिक महत्व होता है। ऐसे में महिलाएं भी तीज की तैयारियों में खरीदारी में जुट गई है।

परपंरा के लिए जरुरी

सावन का महीना हरियाली वाला महीना माना जाता है। इस माह महिला क्लबों में होने वाले कार्यक्रमों की थीम में भी हरे रंग का जलवा होता है। इन दिनों शायद ही कोई भी महिला हो जिसकी कलाई हरी चूडि़यों से न सजी हो। सदर चूड़ी बाजार में चूडि़यां खरीद रही शालिनी कहती हैं कि सावन में चूडि़यों से भरे हाथ रखना हमारी परंपरा में शामिल है और वह परंपरा को निभाने के लिए हर साल हरी चूडि़यों की खरीदारी करती है।

खूब रहती है डिमांड

सदर मोनिका चूड़ी सेंटर वाले पवन बताते हैं कि वैसे तो इस समय नगों वाली और स्टोन की चूडि़यों का चलन है, लेकिन महीना सावन का है इसलिए सबसे ज्यादा ब्रिकी हरी चूडि़यों और कंगन की हो रही है। इन दिनों हाथ में एक दो चूडि़या पहनने वाली युवतियां भी पूरे सेट खरीद रही है। वहीं सदर चौक बाजार स्थित हरिश चूड़ी सेंटर वाले हरिश ने बताया कि सावन में हरी चूडि़यों को पहनना शुभ माना जाता है। युवतियां हो या फिर महिलाएं इन दिनों सभी हरे रंग की वेशभूषा में ही नजर आती है। ऐसे में हरी व कांच की चूडि़यां ज्यादा पसंद की जा रही है।

बिक रहा है सजावटी सिंदारा

तीज की सबसे महत्वपूर्ण प्रथा मानी जाती है सिंदारा भेजना। सिंदारा ससुराल वालों की तरफ से भेजा जाता है। इन दिनों बाजार में विभिन्न स्टाइल वाले आर्टिफिशियल सिंदारे आए हुए हैं। वुड के स्टालिश शेप में, जूट वाले, कांच की टोकरी वाले, प्लास्टिक वाले सिंदारे बाजार में बिक रहे हैं। वहीं विभिन्न तरह के ब्रांडेड कॉस्मेटिक पैक भी बाजार में बिक रहे हैं। डब्लूके रोड स्थित निहारिका वाले संजीत ने बताया कि सिंदारे का सामान 500 रुपए से लेकर तीन हजार के बीच है।

मिठास भरेगा स्वादिष्ट घेवर

बेटियों को दिए जाने वाला सिंदारा बिना घेवर के तो सूना ही रहता हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि तीज के त्योहार पर इसबार नए-नए स्वादों का तड़का जो लगने जा रहा है। तीज के त्योहार को देखते हुए इस बार मिठाई के दुकानदारों ने घेवर में नए स्वाद व रंग भरने शुरू कर दिए हैं। इसलिए इस बार पहले से ज्यादा वैरायटी खरीदने को मिलेगी। इनमें पारंपरिक मलाई व केसर घेवर के अलावा मलाई खीस और बादाम काजू घेवर का स्वाद अधिक देखने को मिलेगा। बंगाल स्वीट्स के संचालक विशाल बताते है कि हमेशा की तरह इस साल भी ग्राहकों को कुछ नया दिया जा रहा है। इसलिए ग्राहकों को की पसंद को ध्यान में रखते हुए मावे वाला व सादा दोनों की तरह का घेवर तैयार किया गया है। सादे वाले घेवर को दो-तीन दिन तक प्रयोग कर सकते हैं, जबकि सामान्य घेवर की लाइफ एक दिन ही होती है। इससे बनाने में घी का ही प्रयोग किया जाता है।

शुगर फ्री मिठाइयों की ओर बढ़ रहा हैं लोगों का रुझान

सेहत के प्रति जागरुक रहने वाले लोगों के शुगर फ्री मिठाइयों लाभदायक साबित हो सकती है। दिनों ये मिठाइयां अधिक पसंद भी की जा रही है। इसमें घी का प्रयोग भी न के बराबर किया जाता है। इसमें बादाम और पिस्ता का अधिक प्रयोग किया जाता है। सदर स्थित अग्रवाल मिष्ठान वाले अमित ने बताया इनकी कीमत करीब 8 सौ रुपए किलो है।

सिमट रहे हैं त्योहार

इस बार बाजार में काफी मंदी है। अभी तक बाजार में ग्राहकों के पांव ही नहीं पड़ रहे हैं, जबकि बीते वर्ष 20 दिन पहले से ही बाजार में चहल-पहल शुरु हो गई थी। दुकानदार बताते हैं कि अब त्योहार लगातार सिमटे जा रहे है। पर्व से तीन चार दिन पहले ही खरीदारी शुरु होती है।

ये हैं मूल्य

बादम घेवर 400 रुपए किलो

मावे वाला घेवर 400 रुपए किलो

सादा घेवर 400 रुपए किलो

चॉकलेट घेवर 450 रुपए किलो

केसर घेवर 350 रुपए किलो