- आधार नंबर पर मिली किसी और की फोटो

बरेली : चार दिन पहले कैंट एरिया में पकड़े गए नेपाली युवक की पहचान आर्मी और इंटेलीजेंस के लिए बड़ा चैलेंज बन गया है। उसने पुलिस को अपना नाम गंगा बहादुर विश्वकर्मा बताया है। उसके पास मिला मोहम्मद मंजर के नाम से बिहार से बना आधार कार्ड भी जांच में फर्जी निकला। वहीं कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी उसे पहचानने से इनकार कर दिया है। इसके बाद एटीएस ने उसका आधार कार्ड जांच के लिए लखनऊ भेजा है। वहीं सैटरडे देर शाम पुरानी चांदमारी के पास पकड़े गए दूसरे नेपाली युवक ने रात भर कैंट थाने के लॉकअप में हंगामा काटा। पुलिस ने उसे शांत कराने का प्रयास किया तो वह इंस्पेक्टर को भी गालियां देने लगा।

कानून मंत्री ने पहचानने से किया मना

सैटरडे को गंगा बहादुर के सामान में कानून मंत्री बृजेश पाठक का उसकी पहचान प्रमाणित करने का एक पत्र एटीएस को मिला था, जिसमें लिखा है कि गंगा बहादुर जो सरोजनी नायडू मार्ग तोपखाना के निवासी हैं, उनको भलीभांति जानते हैं। जब एटीएस ने कानून मंत्री के पत्र को उसके सामने पेश किया। तब कानून मंत्री ने उसे पहचानने से इंकार कर दिया।

फिंगर प्रिंट्स मैच फोटो में झोल

एटीएस ने गंगा बहादुर विश्वकर्मा को पकड़कर अपने साथ ले गई थी। इस दौरान एटीएस ने उससे कड़ी पूछताछ की। उसके बाद एटीएस ने बिहार के बने आधार कार्ड से उसके फिंगर प्रिंट्स मैच कराया तो सेम थे, जिस देख एटीएस भी चौंक गई। जबकि आधार कार्ड में फोटो किसी अन्य युवक की लगी है। जबकि लखनऊ के पते पर आधार कार्ड का मिलान नहीं हो सका है। अब एटीएस मोहम्मद मंजर का पता खोज रही है। पड़ताल के वक्त गंगा बहादुर ने एटीएस को बताया है कि उसने दो हजार रुपए देकर बिहार के पते पर आधार कार्ड बनवाया था। फिलहाल एटीएस ने उसके दोनों आधार कार्ड को जांच के लिए लखनऊ भेज दिया है।

दिल्ली में काम करता है सरोज

सैटरडे देर शाम जाट रेजीमेंट के जवानों ने पुरानी चांदमारी के पास एक और नेपाली युवक सरोज को पकड़ा था। पूछताछ के बाद जवानों ने उसे कैंट थाने में सुपुर्द कर दिया था। घर जाने की जिद में वह पूरी रात लॉकअप में उधम मचाता रहा। कैंट इंस्पेक्टर अविनाश यादव ने बताया कि युवक ने अपने परिवार का जो मोबाइल नंबर दिया उस पर बात की तो उसकी बात सही निकली। वह दिल्ली में प्राइवेट जॉब करता है। वह नेपाल जाने के लिए ट्रेन से दिल्ली से चला था, लेकिन बरेली में उतर गया। उसके परिवार वालों ने बताया कि उसे फिट भी पड़ते हैं। दिल्ली से उसका परिचित उसे लेने आ रहा है।

नेपाली युवक की एक्टिविटी संदिग्ध लग रही है। उसके दोनों आधार कार्ड को लखनऊ भेजा है। फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। तब तक वह कैंट पुलिस की कस्टडी में है।

मंजीत सिंह, एटीएस इंस्पेक्टर