- यूनिवर्सिटी प्रशासन एसटीएफ को जांच में शामिल करने के लिए लिखेगा पत्र

LUCKNOW:

एलयू के एलएलबी थ्री इयर के थर्ड सेमेस्टर के पेपर आउट का ऑडियो लीक होने के बाद लॉ के प्रश्नपत्रों के सेट तैयार करने पर भी संदेह के बादल उमड़ रहे हैं। बाजार में बिकने वाले मॉडल प्रश्नपत्रों से लॉ के कुछ पेपरों के प्रश्नों का मिलान 80 प्रतिशत तक मिलता हुआ पाया हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से जांच में इस प्वाइंट को भी शामिल करने के लिए एसटीएफ को पत्र लिखा जा रहा है।

प्रकाशकों से साठगांठठ!

सूत्रों का कहना है कि घटना के प्रकाश में आने के बाद यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग को प्रश्न पत्रों के सेट पर संदेह था। जिसके बाद बाजार में मिलने वाले मॉडल प्रश्नपत्र से इसके मिलान कराये गये तो 80 फीसदी कोश्चन एक दूसरे से मिलते जुलते नजर आये। ऐसे में यूनिवर्सिटी के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मॉडल प्रश्नपत्र से प्रश्नपत्रों के सेट मिलने के पीछे सिर्फ दो ही कारण नजर आ रहे हैं। या तो सेट तैयार करने वाले शिक्षक मेहनत करने के बजाय सेट की नकल कर रहे हैं या फिर शिक्षकों और प्रकाशकों में कोई सांठ-गांठ है।

एलयू पहुंची एसटीएफ

पेपर लीक आउट प्रकरण में सीएम के निर्देश के अनुपालन में जांच एसटीएफ को सौंपे जाने के शासन स्तर के निर्णय के 24 घंटे के अंदर शुक्रवार को एसटीएफ ने यूनिवर्सिटी में दस्तक दी। एसटीएफ के अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग पहुंच कर जांच पड़ताल की। ऐसा माना जा रहा है कि शनिवार को नवीन परिसर में एसटीएफ दाखिल हो सकती है।

शुरूआती जांच में मिले सुराग

सूत्रों का कहना है कि मामले की जांच कर रही एसटीएफ के अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक ले। कर्नल एके मिश्रा से शाम को मुलाकात कर उनसे परीक्षा की कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी ली। इस दौरान एसटीएफ के अधिकारी प्रश्नपत्रों के सेट के बारे में जानकारी के साथ ही यह भी जानकारी करते दिखे कि सेंटरों पर कितने सेट भेजे जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि मुलाकात के दौरान उन्होंने यह भी जानने के प्रयास किये कि तीसरा आदमी किस आधार पर यह पता लगा सकता है कि कौन से सेट किस सेंटर पर भेजे गये हैं। सूत्रों के मुताबिक वहीं दूसरी तरफ खबर है कि परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात से पूर्व एसटीएफ के अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी के वीसी से भी मुलाकात की और उनसे ऑडियो के बारे में जानकारी हासिल की है।

उच्चस्तरीय जांच की मांग की

उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने राज्यपाल को पत्र लिखकर लखनऊ यूनिवर्सिटी की छवि धूमिल करने पर पत्र लिखा है। संघ ने कहा कि राज्यपाल ने वीसी की नियुक्ति यूजीसी की ओर से की जाने का वादा किया था। जो नहीं हो पाया जिसकी वजह से प्रो। शैलेश कुमार को वीसी बनाया गया। जिसकी वजह से लविवि की छवि धूमिल हुई। संघ ने राज्यपाल को पत्र लिखकर वीसी के कार्यकाल और उनके लिए निर्णयों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।

जल्द ही परीक्षाएं शुरू कराने का आश्वासन

वहीं लॉ के सभी विषयों की परीक्षा रद्द होने के बाद शुक्रवार को कई कॉलेजों के छात्रों ने वीसी आवास का घेराव किया। इस दौरान छात्र सभी पेपर रद करने के निर्णय को वापस लेने और भविष्य के साथ खिलवाड़ बंद करने की मांग कर रहे थे। छात्रों के नारेबाजी और प्रदर्शन की सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंच कर उनको शांत कराने की कोशिश की। पर प्रदर्शन कर रहे छात्र वीसी से मिलने की मांग पर अड़े रहे। जिसके बाद वीसी एसके शुक्ला खुद आवास से बाहर आकर छात्रों से मिले। उन्होंने छात्रों का बताया कि गुरुवार तक हो चुका कोई भी पेपर नहीं रदनहीं किए गए है। शुक्रवार से आगे होने वाली सभी परीक्षाएं रद्द किए गए है। वीसी ने जब छात्रों को आश्वासन दिया कि पुराने हो चुके पेपर नहीं रद होंगे। उन्होंने लॉ की परीक्षाओं की डेट 20 दिसंबर से पहले जारी करने का भी आश्वासन दिया।