- सूर्य नगर पहुंची आई नेक्स्ट की टीम, लोगों से पूछा कैसा चाहिए आपको अपना सांसद

- सभी बोले, कॉलोनी में आकर समस्याएं देखने वाला हो सांसद

Meerut : चुनाव जीतने के बाद जनता और जनप्रतिनिधि के बीच की दूरी काफी बढ़ जाती है। इस बार जनता ऐसे एमपी को चुनने के मूड में नहीं है। आई नेक्स्ट की टीम जब सूर्य नगर कॉलोनी पहुंची और लोगों से पूछा कि उनका एमपी कैसा होना चाहिए चो लोगों ने साफ कहा एमपी ऐसा होना चाहिए जो जनता के बीच रहकर उनकी समस्या सुने। इतना ही नहीं आवास पर जनता दरबार लगाकर लोगों को अपना होने का एहसास भी कराए। इस बार जनता परखने के बाद ही एमपी बनाएगी।

जनता दरबार लगाना चाहिए

जनता की समस्या को एमपी को प्रमुखता से लेना चाहिए। सूर्य नगर में रहने वाले विशाल राणा का कहना है कि एमपी को लोगों की समस्या सुनने के लिए जनता दरबार का आयोजन करना चाहिए। कुछ नेता चुनाव जीतने के बाद पांच साल तक नजर नहीं आते, ऐसे नेताओं की हमें आवश्यकता नहीं है। जनता की समस्या को एमपी अपनी समस्या मानकर निदान करें।

ईमानदार होना चाहिए एमपी

कहते है ऑनेस्टी इज द बेस्ट पॉलिसी। ईमानदार नेता से ही देश का विकास संभव है। संदीप चौधरी का कहना है कि ईमानदारी से ही देश का भला किया जा सकता है। जो भी सांसद को निधि मिलती है, यदि उसका प्रयोग ईमानदारी से किया जाए तो शहर में लोगों को अच्छी और गढ्डा मुक्त सड़क पर चलने का मौका मिलेगा। हम ईमानदार नेता को वोट देंगे।

जल्दी-जल्दी आया करें

चुनाव जीतने के बाद जनता से नाता तोड़ने वाले नेताओं की आवश्यकता हमें नहीं है। ऐसे नेताओं को इस बार संसद से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। ये कहना है कि सूर्य नगर निवासी अजय भारद्वाज उर्फ पंडित का। उन्होंने कहा कि आज तक विकास नाम ही सुना है। हकीकत में विकास नहीं देखा है। विकास करने वाले नेता को वोट दिया जाएगा न कि पांच साल बाद वोट मांगने वाले को।

हर महीने जनता से मिलें

चुनाव जीतने के बाद जनता और एमपी की दूरी बढ़ जाती है। इस दूरी को एमपी को खत्म करनी चाहिए। जनता के बीच पहुंचकर सड़क, नाली और खड़ंजों का हाल देखना चाहिए। विकास गुप्ता ने कहा कि कॉलोनी में आकर जनप्रतिनिधि को समस्या सुननी चाहिए। यदि जनप्रतिनिधि समस्या सुनेंगे तो हमें नगर निगम, कचहरी आदि विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब डिपार्टमेंट में जाने के बावजूद भी काम नहीं होता है।

इस तरह नहीं चलेगा काम

नेता जनता के बीच ईमानदारी से रहें। वोट बैंक की राजनीति न करें। सुबोध गुप्ता का कहना है कि जनता काफी उम्मीदों के साथ प्रत्याशी को संसद का सफर तय कराती है, लेकिन यदि एमपी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरेंगे तो जनता का मनोबल डाउन होता है। नेता को वोट बैंक की राजनीति छोड़कर जनता के बीच विकास कार्य करना चाहिए।

वादे पूरा करने वाला हो

वादे करना आसान होता है, उसे पूरा करना मुश्किल। इस बार ऐसे नेता को चुनावी महाभारत से बाहर करने का लोगों ने मन बना लिया है। सूरज का कहना है कि परखने के बाद ही इस बार एमपी के प्रत्याशी को विजयी बनाया जाएगा। वादे को पूरा करने वाला हमारा एमपी होना चाहिए। इससे जनता में विश्वास बनता है।

ईमानदार से होगा बदलाव

देश में बदलाव की बयार केवल ईमानदार एमपी ही ला सकता है। ईमानदार एमपी आज पूरे देश की मांग है। अंकुश का कहना है कि ईमानदार एमपी को संसद में पहुंचाए जाने का काम किया जाएगा। ईमानदारी से ही देश का भला संभव है अन्यथा नहीं।