- यूनिवर्सिटी के रेडियो 90.4 पर शुरू की गई है सुविधा

- एक दिन में चार टीचर्स को बुलाकर होगा लेक्चर रिकॉर्ड

आगरा। लॉकडाउन में स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन लगातार कदम उठा रहा है। अब 'आगरा की आवाज 90.4' रेडियो के जरिए स्टूडेंट्स को घर बैठे ही पढ़ाया जाएगा। कुलपित प्रो। अशोक मित्तल की पहल पर इस प्लान को तैयार किया गया है।

लेक्चर का समय हुआ निर्धारित

यूनिवर्सिटी के मैथ्स डिपाटमेंट के एचओडी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। रेडियो 'आगरा की आवाज' का समय निर्धारित किया गया है। इसमें फ‌र्स्ट शिफ्ट में सुबह 10 बजे से 12 बजे तक लेकचर दिए जाएंगे। एक पीरियड का समय करीब 30 मिनट निर्धारित किया गया है। वहीं, सेकेंड शिफ्ट में दोपहर दो बजे से लेकर शाम चार बजे तक क्लास संचालित की जाएगी।

प्रसारण से एक दिन पहले होगा रिकॉर्ड

एक दिन में अलग-अलग सब्जेक्ट के चार टीचर्स को बुलाया जाएगा। जहां 30 मिनट तक का एक सब्जेक्ट का लेक्चर रिकॉर्ड किया जाएगा। हर दिन चार सब्जेक्ट के टीचर अपना लेक्चर रिकॉर्ड करा सकते हैं। इसके अगले दिन इसका प्रसारण निर्धारित समय पर किया जाएगा।

वेबसाइट पर अपलोड होगी डिटेल

डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवसिटी द्वारा लेक्चर से संबंधित जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। छात्र-छात्राएं अपने सब्जेक्ट के अनुसार समय देकखर कर रेडियो पर लेक्चर सुन सकेंगे। संबंधित सब्जेक्ट्स के टीचर व एचओडी के भी फोन नंबर वेबसाइट पर डाले गए हैं। जिससे स्टूडेंट्स कोई समस्या सामने आने पर उनके साथ डिस्कस कर अपनी समस्या का निस्तारण करा सकें।

इस तरह हुई रेडियो की शुरूआत

यूनिवर्सिटी से जुडे़ स्टूडेंट्स और कर्मचारियों के परिवार के लिए संबंधित कार्यक्रमों का प्रसारण करने के लिए रेडियो 'आगरा की आवाज' वर्ष 2009 में शुरू किया गया था। तब यूनिवर्सिटी से संबंधित कोई भी सूचना या कार्यक्रम का आदान-प्रदान रेडियो के माध्यम से किया जाता था। लेकिन वर्ष 2011 जनवरी में इसको किसी कारण के चलते बंद कर दिया गया। पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में इसको एक बार फिर शुरू किया गया।

स्टूडेंटस की सुविधा के लिए इसे जल्द शुरू किया जाएगा। इसका प्लान पूरी तरह तैयार कर लिया गया है। हर दिन चार टीचर्स को बुलाकर उनके लेक्चर रिकॉर्ड किए जाएंगे। जिससे अगले दिन उनका प्रसारण निर्धारित समय पर किया जा सके।

डॉ। संजीव शर्मा, एचओडी, मैथ डिपार्टमेंट

वर्तमान हालात में हम ऐसे उपकरणों की मदद ले सकते हैं। जिससे स्टूडेंटस की पढ़ाई में अवरोध पैदा ना हो। रेडियों के जरिए स्टूडेंटस को घर बैठे इसका लाभ मिल सकेगा। इसको सुचारु करने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रो। अशोक मित्तल, कुलपति