एक्सक्लूसिव

-आउटलेट्स के माध्यम से शहर में सब्सिडी पर दी जाएंगी एलईडी लाइट

-पायलट प्लान में आगरा से मंगाई जाएंगे तीस लाख एलईडी बल्ब

mohit.sharma@inext.co.in

Meerut : डिमांड एंड सप्लाई के फर्क को हटाने के लिए काम कर रहा बिजली विभाग मेरठ में एक करोड़ एलईडी बल्ब की खेप लेकर आ रहा है। विभाग इन एलईडी बल्बों को सब्सीडाइज कर आधे से कम रेट पर उपभोक्ताओं को मुहैया कराएगा। इस तरह से एक करोड एलईडी खपने से बिजली के लोड को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।

आउटलेट पर होगी सेल

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम इन एलईडी बल्बों की सेल आउटलेट के माध्यम से करेगा। इसके लिए निगम ने आगरा की तर्ज पर श्रीधर कंपनी से करार किया है। यह कंपनी पश्चिमांचल के जनपदों में आउटलेट के जरिए जगह-जगह स्टॉल लगाकर बल्बों को सेल करेगी। कंपनी को रोजना होने वाली बल्बों की सेल का पूरा ब्यौरा विभाग को उपलब्ध कराना होगा।

250 का बल्ब 80 रुपये में

दरअसल, जो एलईडी बल्ब मार्केट में 250 रुपए का मिल रहा है। उसको विभाग सब्सिडी पर केवल 80 रुपए का देगा। बल्ब की बिक्री में धांधली के चलते विभाग एहतियात के तौर पर बल्ब पर पीवीवीएनएल का मार्क बनवाएगा। विभाग के अफसरों के मुताबिक यदि मार्केट में विभाग का बल्ब महंगे रेट पर मिलती तो उपभोक्ता मार्क देखकर ठगी से बचाव कर सकता है।

पायलट प्लान में 30 लाख बल्ब

प्रोजेक्ट के अंतर्गत विभाग पायलट प्लान के अंतर्गत आगरा से 30 लाख एलईडी बल्ब मंगवाने जा रहा है। इन 30 लाख बल्बों की खपत के बाद विभाग शेष 70 लाख एलईडी की खेप मेरठ में मंगवाएगा।

एनर्जी नहीं मनी सेविंग

बिजली कटौती से जूझ रहे शहर को एलईडी बल्ब पॉवर क्राइसिस से निजात दिलाएगा। यूपी और सेंट्रल गर्वमेंट सरकार की ओर से इजाद किया गया यह एलईडी फॉर्मूला न केवल ओवरलोडिंग कम कर हर माह बीस करोड़ की बिजली बचाएगा, बल्कि बिजली के बिलों में भी भारी कटौती करेगा।

ओवरलोडिंग से छुटकारा

मिशन एनर्जी सेविंग के मुताबिक बिजली विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह शहर में एलईडी बल्ब को बढ़ावा देकर इसके प्रति जनता में जागरुकता लाए। इस फॉर्मूले के मुताबिक शहर में कम से कम 80 लाख वॉट लोड कम हो जाने की उम्मीद है। अधिक बिजली खर्च वाले बल्ब और सीएफएल की जगह शहर में स्थित घरों में 25 लाख एलईडी बल्ब लगवाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

100 मेगावॉट लोड घटाने का लक्ष्य

एक ओर जहां पॉवर जेनरेशन के संसाधन सीमित होते जा रहे हैं, वहीं बिजली के संकट से निजात पाने के लिए अब सरकार ओवरलोडिंग कम कर अतिरिक्त पॉवर सप्लाई मुहैया कराने पर जोर दे रही है। शासन की ओर से पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम को 100 मेगावॉट लोड कम करने का टारगेट रखा है। लोड में यह कमी विभाग अधिक खपत वाले बल्बों के स्थान पर एलईडी बल्ब लगाकर करेगा।

ऐसे कम होगा लोड

बिजली विभाग का मानना है कि ज्यादातर घरों में अब 5, 12, 15, 18 आदि वॉट की सीएफएल लगे हुए। कुछ हजार घर, दुकान ऐसे हैं जिनमें कि 60 या 100 वॉट के बल्ब लगे हुए है। अफसरों की मानें तो 7 वॉट के एलईडी बल्ब में 12 वॉट के सीएफएल से अधिक रोशनी होगी। इस तरह अगर 25 लाख सीएफएल की जगह एलईडी बल्ब लग गए तो कम से 80 लाख वॉट पॉवर लोड कम हो जाएगा।

कम होगा बिजली बिल

शहर में इस समय पॉवर सप्लाई के लिए हर महीने 700 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती है। केवल 20 लाख एलईडी बल्ब लगने से 7 से 8 परसेंट तक बिजली की बचत होगी। एलईडी बल्ब लगाने का सबसे बड़ा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। आम तौर पर घरों में रोशनी के लिए हर रोज एक बल्ब कम से कम 8 घंटे जलाया जाता है। अब एलईडी बल्ब लग जाने से बिजली का बिल कम हो जाएगा।

दस रुपए में एलईडी बल्ब

विभाग के एसई अर्बन पीके निगम ने बताया कि कि विभाग की ओर से यह बल्ब आसान किस्तों पर भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि खंड कार्यालयों के अलावा बिजली विभाग के सभी दफ्तरों में यह बल्ब दस रुपए की मासिक किस्त पर दिया जाएगा। इस तरह से उपभोक्ता पर बल्ब की कीमत का लोड भी नहीं पड़ेगा।

एनर्जी सेविंग और इलेक्ट्रीसिटी लोड कम करने के लिए सरकार एलईडी सिस्टम को बढ़ावा दे रही है। पारंपरिक बल्बों की जगह एलईडी बल्ब कर काफी हद तक ओवलोडिंग में कमी देखने को मिलेगी।

विजय विश्वास पंत, एमडी पीवीवीएनएल