नंबर गेम

300 लेखपाल राजधानी में हड़ताल पर

30 हजार से अधिक अप्लीकेशन रुकीं

10 हजार अप्लीकेशन आती हैं डेली

31 अगस्त है फीस प्रतिपूर्ति की लास्ट डेट

लेखपालों की हड़ताल से मुश्किल में स्टूडेंट्स

LUCKNOW: प्रदेश में विगत 23 अगस्त से चल रही लेखपालों की हड़ताल का असर अब दिखना शुरू हो गया है। हड़ताल का सबसे ज्यादा असर लाखों स्टूडेंट्स पर पड़ रहा है। मौजूदा समय में समाज कल्याण विभाग की ओर से सभी स्टूडेंट्स के शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन चल रहा है। जिसकी लास्ट डेट 31 अगस्त को खत्म हो रही है। स्कॉलरशिप के आवेदन के लिए स्टूडेंट्स को जाति, आय व निवास प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती है। जिसे बनाने की जिम्मेदारी लेखपालों की होती है। बीते लगभग एक वीक से चल रहे लेखपालों की हड़ताल के चलते के चलते राजधानी में लाखों स्टूडेंट्स के प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया है।

पूरा कामकाज ठप

राजधानी में मौजूदा समय में करीब तीन सौ लेखपाल कार्यरत हैं। इन सभी के पास अलग-अगल प्रमाण पत्र बनाने के लिए हर दिन हजारों की संख्या में आवेदन आते हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार एक लेखपाल के पास औसतन एक दिन करीब 30 से 35 आवेदन जाति, आय व निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए आते हैं। इस हिसाब से पूरे दिन में औसतन राजधानी में ही करीब दस हजार आवेदन इन लेखपालों के पास आते हैं। जिन पर फाइनल रिपोर्ट लेखपाल ही लगाते हैं। इसके बाद ही स्टूडेंट्स को सम्बन्धित प्रमाण पत्र तहसील से जारी किए जाते हैं।

स्टूडेंट्स सबसे ज्यादा प्रभावित

बीती 23 अगस्त से सभी लेखपालों अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कामकाज पूरी तरह से ठप कर रखा है। बीते चार दिनों में एक अनुमान के अनुसार राजधानी में ही केवल 30 हजार से ऊपर जाति, आय व निवासी प्रमाण पत्रों के आवेदन बनने के लिए रुक गया हैं। राजधानी में एक महीने में करीब ढाई लाख से तीन लाख आवेदन प्रमाण पत्र बनने के लिए आते हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा संख्या स्टूडेंट्स के होते हैं क्योंकि उन्हें स्कॉलरशिप आवेदन से लेकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं व एडमिशन के काउंसिलिंग के दौरान इन प्रमाण पत्रों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में यह प्रमाण पत्र न बनने से उनका सारा कामकाज पूरी तरह से ठप है।

कुछ ही दिन शेष

राजधानी में अभी तक करीब 30 हजार आवेदन का काम बीते चार दिनों में प्रभावित हुआ है, तहसीलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले से ही करीब पांच लाख से अधिक आवेदन पेंडिंग पड़ा हुआ है। ऐसे में पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा करोड़ों के ऊपर पहुंच गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित तो स्टूडेंट्स वर्ग है समाज कल्याण विभाग की शुल्क प्रतिपूर्ति में हर साल करीब 50 लाख से अधिक स्टूडेंट्स आवेदन करते हैं। इसमें आवेदन करते समय सभी स्टूडेंट्स को जाति, आय व निवास प्रमाण पत्रों के पंजीकरण का नंबर देना होता है। समाज कल्याण ने एक अगस्त से शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू किया था। 20 अगस्त तक यह आंकड़ा 15 लाख भी नहीं पहुंच सका था। इसका सबसे बड़ा कारण विभिन्न यूनिवर्सिटी व डिग्री कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया का संचालित होना था। अब जब ऑनलाइन आवेदन के लिए अंतिम चार दिन बचे है तक लेखपालों के हड़ताल ने इस और मुश्किल बना दिया है।