डाइविंग सूट, वाटर टार्च से होंगे लैस
स्थानीय ट्रेनर त्रिभुवन निषाद ने बताया कि करीब 17 से 20 फीट गहराई में जाने पर पानी गंदा होता है। इससे किसी भी गोताखोर को बचाने या फिर व्यक्ति को ढूंढने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी के चलते कई बार गोताखोर निराश भी होते है। इस स्थिति से निपटने के लिए ट्रेनिंग ले रहे गोताखोरों को वाटर टार्च के साथ ही आक्सीजन सिलेंडर से लैस किया जा रहा है। इसके अलावा वे डायविंग सूट पहने होंगे। उनके पास सिलेंडर कम्पस, जो पानी में दिशा बताएगा, के साथ मास्क भी होगा। जो इन लाइफ सेवर्स को अधिक ठंडे पानी से सुरक्षित रखेगा।
लाइफ सेविंग कोर्स की शुरुआत
मंडलायुक्त देवेश चतुर्वेदी ने मेले से पहले इस सुविधा को लोगों के लिए भी उपलब्ध कराने पर जोर दिया है। साथ ही उनके प्रयास से बोट क्लब में लाइफ सेविंग कोर्स भी चलाया जा रहा है। इसमें पीएसी के जवान के साथ नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के प्लेयर शामिल हो रहे हैं। पहले बैच में 42वीं वाहिनी पीएसी के मो। आरिफ, सुनील सिंह, रोहित यादव, सुरेश सिंह, राम बहोरी सहित कई अन्य को ट्रेंड किया जा रहा है। इनके अलावा दस सदस्यीय टीम की ट्रेनिंग वेडनसडे से शुरू हो गई।
Free of cost
इस तरह के कोर्स की ट्रेनिंग आम तौर पर गोवा में दी जाती है और कोर्स ज्वाइन करने वाले से 30 से 40 हजार रुपए फीस के तौर पर लिए जाते हैं। इलाहाबाद में यह कोर्स डूडा की महत्वाकांक्षी 'हुनर से रोजगार योजनाÓ के तहत फ्री में पूरा कराया जा रहा है। इलाहाबाद में अब तक इस योजना के तहत 80 लोगों को लाभान्वित करने की योजना है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन लाइफ सेवर्स को मेले के दौरान मानदेय पर विभिन्न घाटों पर तैनात किया जाएगा।
कहां-कहां होंगे तैनात
ट्रेनर त्रिभुवन निषाद ने बताया कि ट्रेनिंग ले चुके प्लेयर्स को लाइफ सेविंग मैन का नाम दिया गया है। इन्हें मेले के दौरान संगम क्षेत्र और आस पास के घाटों पर स्नानार्थियों की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। इसमें संगम नोज, अरैल घाट, किला घाट, सोमेश्वरघाट, मिंटो पार्क आदि प्रमुख हैं। मेले के बाद ट्रेनिंग ले चुके लाइफ सेवर्स को ऐसे स्थानों पर ले जाया जाएगा जहां आए दिन खतरे ज्यादा हैं।