वैक्सीन के सुरक्षित रखरखाव के लिए मशीनों में लगे टेंपरेचर लॉगर

बरेली-शाहजहांपुर में प्रोजेक्ट शुरू, शिशु मृत्यु दर घटाने में मिलेगी मदद

BAREILLY:

नवजात शिशुओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने और उन्हें सेहतमंद रखने वाली लाइफ सेविंग वैक्सीन खुद भी सेफ रहेंगी। नवजात शिशुओं को 9 जानलेवा बीमारियों से बचाने वाली इन लाइफ सेविंग वैक्सीन को सुरक्षित तरीके से रखने के लिए नई पहल शुरू हुई है। जीरो से बेहद नीचे माइनस डिग्री सेल्सियस पर रखी जाने वाली इन अहम वैक्सीन का हाइटेक तरीके से टेंपरेचर मेंटेन करने और इसका रिकार्ड बनाने की नई पहल शुरू हुई है। वैक्सीन का टेंपरेचर मेंटेन करने के लिए यूज होने वाले डीप फ्रीजर में टेंपरेचर लॉगर लगाए जा रहे हैं। जो हर पल वैक्सीन के लिए जरूरी टेंपरेचर का डाटा रिकार्ड करेंगे साथ ही तय टेंपरेचर से कम या ज्यादा होने पर अलार्म बजाकर अलर्ट भी करेंगे। साथ ही वैक्सीन सिस्टम बेहतर होने से इन्फैंट मॉरटेलिटी रेट घटाने में भी कामयाबी मिलेगी।

थर्मामीटर से मिली निजात

मेंटल हॉस्पिटल और एडी हेल्थ ऑफिस परिसर में नवजात शिशुओं की लाइफ सेविंग वैक्सीन को संरक्षित रखने की व्यवस्था है। इन वैक्सीन को डीप फ्रीजर और आईएलआर में रखा जाता है। वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए डीप फ्रीजर में माइनस 15 से माइनस 25 डिग्री सेल्सियस और आईएलआर में माइनस 2 से माइनस 8 डिग्री सेल्सियस पर टेंपरेचर मेंटेन किया जाता है। पहले वैक्सीन का टेंपरेचर मापने के लिए डीप फ्रीजर व आईएलआर में सामान्य थर्मामीटर यूज किया जाता था। जिससे टेंपरेचर डाटा लेने में सटीक रिकार्ड जुटाना मुश्किल होता था। वहीं स्टाफ को हर बार डीप फ्रीजर खोल थर्मोमीटर देख टेंपरेचर मापने की मजबूरी होती थी।

बेहतर होगा वैक्सीन सिस्टम

दुनिया भर में नवजात शिशुओं को डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, मीजल्स, जापानी इंसफेलाइटिस जैसी 9 जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीन प्रोग्राम शुरू किया गया है। यूनाइटेड नेशंस डेवलेपमेंट प्रोग्राम, यूएनडीपी केतहत यह वैक्सीन सिस्टम दुनिया भर के देशों में संचालित है। वैक्सीन सिस्टम में टेंपरेचर मेंटेन करना सबसे बड़ा चुनौती रहती है। इस चुनौती से पार पाने को ही यूएनडीपी की ओर से इलेक्ट्रॉनिक्स, वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क, ई-विन की शुरूआत की गई है। जिसमें वैक्सीन को संरक्षित करने के लिए यूज हो रहे फ्रीजिंग सिस्टम में टेंपरेचर लॉगर लगाए जा रहे। जिससे वैक्सीन खराब न हो, साथ ही इनकी क्वालिटी बनी रही और नवजात शिशुओं को जानलेवा बीमारी से बचाया जा सके।

बरेली-शाहजहांपुर में प्रोजेक्ट शुरू

यूपी में ई-विन के तहत वैक्सीन सिस्टम को मजबूत व बेहतर करने के पायलेट प्रोजेक्ट शुरू हो गए हैं। बरेली मंडल में बरेली और शाहजहांपुर में इसकी शुरुआत हो गई है। वैक्सीन को प्रिजर्व रखने को फ्रिजिंग मशीनों में लगे टेंपरेचर लॉगर से न सिर्फ पल-पल की कूलिंग रिपोर्ट मालूम होगी। वहीं यह भी मालूम हो सकेगा कि बिजली न रहने पर कूलिंग मशीन कितने समय तक बंद रही और इससे वैक्सीन के खराब होने की कितनी आशंका है। इसके साथ ही टेंपरेचर लॉगर की डाटा रिपोर्ट अधिकारियों को ऑनलाइन मुहैया होगी।

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