मेरठ के अस्पतालों में कैंसर के उपचार की सुविधा उपलब्ध

4 लाख रुपये का तकरीबन खर्च आता है कैंसर के इलाज का

20 फीसदी कैंसर के मरीज ठीक हो जाते हैं इलाज से

80 फीसदी मरीजों को सही समय पर बीमारी का पता नहीं लगता

30 प्रतिशत कैंसर रोगी इलाज के लिए दिल्ली जाते हैं हर साल

40 प्रतिशत रोगी मुंबई और अन्य शहरों में जाते है इलाज के लिए

कैंसर की मुख्य वजह दूषित पानी के साथ बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला

सबसे ज्यादा मामले गले, फेफड़े व लीवर के कैंसर के

महिलाओं में स्तन कैंसर के बढ़ रहे हैं मामले

Meerut। कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वजह, कैंसर आज भी लाइलाज बीमारी है। स्थिति यह है कि हर साल मरीजों की संख्या में डेढ़ से दो गुना इजाफा हो रहा है। शहर के प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में हर दिन 10 से 15 मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स इसकी मुख्य वजह स्मोकिंग और लाइफ स्टाइल में होने वाले बदलावों को मानते हैं।

दस साल में ढाई गुना हुए मरीज

साल - मरीज

2007- 23,000

2008- 27,000

2009- 30,000

2010 - 33,000

2011 - 35,000

2012 - 40,000

2013 - 42,000

2014 - 45,000

2015 - 50,000

2016 - 54,000

2017 - 62 हजार करीब

यह हैं कैंसर के प्रकार

ब्रेस्ट कैंसर

सर्वाइकल कैंसर

मुँह का कैंसर

प्रोस्टेट कैंसर

गर्भाशय कैंसर

लंग कैंसर

पेट का कैंसर

ब्लड कैंसर

बोन कैंसर

कोलोरेक्टल कैंसर

गले का कैंसर

लवर कैंसर

स्किन कैंसर

ब्लैडर कैंसर

अग्नाशय कैंसर

ब्रेन कैंसर

लिम्फोमा

गुर्दे का कैंसर

कैंसर पीडि़तों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। बच्चों में भी कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। यह स्थिति काफी गंभीर हैं। बदलता लाइफ स्टाइल कैंसर की बड़ी वजह है।

डॉ। सुभाष सिंह, एचओडी कैंसर विभाग, मेडिकल कॉलेज