कानपुर। गूगल गो ऐप लगभग हर एंड्राइड मोबाइल फोन यूज करने वाले की लिस्ट में पहले नंबर पर होता है। अब ये 7MB के लाइटर वर्जन में भी वर्ल्डवाइड उपलब्ध है। इतना कम वेट होने की वजह से ये फोन की बैटरी कम चूसेगा। वहीं अगर आप ऑनलाइन कुछ सर्च कर रहे हैं तो अचानक से कनेक्शन ड्राप होने की वजह से परेशान होने की बात नहीं है। ये कनेक्शन मिलते ही रूका हुआ काम दोबारा शुरू कर देगा। वहीं अब गूगल गो ऐप का लाइटर वर्जन प्ले स्टोर में मौजूद है। गूगल के मुताबिक ये ऐप उन सभी एंड्राइड डिवाइसेज पर रन करता है जो 0.5 लाॅलीपाॅप एंड्राइड वर्जन पर काम करेंगी।

गूगल गो के फीचर्स

इसे ऐसा डिजाइन किया गया है कि ये ऐप ज्यादा बैटरी की खपत न करे। इस साल की शुरूआत में गूगल गो ऐप में फीचर जोड़ा गया था जो कैमरा लेंस के फंग्शन पर बेस्ड है। ये फंग्शन ऐप के कैमरा को ये सहूलियत देता है कि वास्तविक दुनिया से किसी भी टेक्स्ट को वो रीड कर सकता है और उसे पढ़ भी सकता है। ऐप में न केवल लिख कर बल्कि आवाज के माध्यम से भी सर्च किया जा सकता है। द वर्ज के मुताबिक वाॅल स्ट्री जनरल में छपी 2017 की एक रिपोर्ट की मानें तो गूगल को कुछ समय से वोकली बहुत ज्यादा टारगेट किया गया ताकि वो डिवाइस और इंसानी आवाज के बीच सामंजस्य बैठा सके।

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इन गूगल ऐप्स का भी लाइटर वर्जन आ चुका

गूगल गो की तरह कई ऐप गूगल ने मार्केट में जारी किए हैं। इनमें जीमेल गो, गैलरी गो और एंड्राइड गो भी शामिल है। जीमेल गो से आप अपनी मेल्स को व्यवस्थित रख सकते हैं। बिल्कुल ऐसे ही गैलरी गो की मदद से आप अपने फोन मेंं फोटोज के कलेक्शन को भी अच्छी तरह व्यवस्थित रख सकते हैं। इन सबके बाद आता है एंड्राइड गो ऐप वर्जन। इसे लोग अपने फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम को कम बैटरी में चलाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

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