आबादी के प्रेशर में समाधान नहीं हो पा रहा मूल भूत समस्याओं का
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ALLAHABAD: जनसंख्या विस्फोट ने प्रदेश में सर्वाधिक आबादी वाले इलाहाबाद के हालात को बदतर बना दिया है। लाख कोशिश के बावजूद आम आदमी मूलभूत सुविधाएं बमुश्किल ही पा रहा है। बिजली, पानी, मकान और रोजगार के लिए आए दिन आंदोलन हो रहे हैं। इसके उलट आबादी है कि अपनी रफ्तार से बढ़ रही है। शहर की कुल आबादी की कुल 40 फीसदी जनता बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर है। जल संस्थान का भले ही दावा सौ फीसदी का हो लेकिन सच यही है कि कछार के हजारों घरों में अभी तक पानी की पाइप लाइन नही पहुंची है। करीब 25 हजार घरों तक अभी भी पाइप लाइन नहीं पहुंची है। इसका नतीजा है कि पब्लिक सब मर्सिबल की बोरिंग कराकर पानी का दोहन कर रही है। यह गिरते भूगर्भ जल स्तर के लिए खतरा है।
हर घर बिजली पहुंचाना बड़ी समस्या
17 लाख आबादी वाले इलाहाबाद शहर में सभी को बिजली मुहैया कराना चैलेंजिंग है। बिजली विभाग के अनुसार पांच लाख कनेक्शन दिए गए हैं। निर्धारित आपूर्ति मिल पाना मुश्किल है।
सवा लाख नए घरों की दरकार
तेजी से बढ़ती आबादी के बीच सभी को घर मुहैया कराना आसान नही है। एडीए के पास इतनी आवासीय योजना नही है और प्राइवेट बिल्डर डिमांड को पूरा कराने में पीछे हैं। आंकड़ों के मुताबिक शहर में 2.15 लाख घर नगर निगम में रजिस्टर्ड हैं और एक सर्वे के मुताबिक 1.25 लाख नए घरों की आवश्यकता है।
रोजगार के लिए लगी लंबी लाइन
सबको रोजगार मुहैया कराने में सरकार के पसीने छूट रहे हैं। रोजगार कार्यालय में 1.5 लाख लोगों ने रोजगार के लिए आवेदन कर रखा है। नौकरी पूरी साल में गिनी चुनी ही मिल पाती है। आर्थिक सहायता के लिए भी सरकार ने इस साल 11 हजार लोगों को मुद्रा बैंक के तहत लोन देने का लक्ष्य तय किया है। आवेदन इससे तीन गुना हो चुके हैं।
यहां भी टॉप 20 में है इलाहाबाद
सकल प्रजनन दर में भी हमारा जिला प्रदेश के 75 जिलों में टॉप 20 में शामिल है। कहने का मतलब कि जिले की प्रत्येक 15 से 49 साल की महिला औसत 3.1 बच्चे पैदा कर रही है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पिछले चार साल में हम 3.4 की औसत से घट कर 3.1 पर पहुंचे हैं।
65
लाख जिले की कुल आबादी
17
लाख शहर की कुल आबादी
241.5
एमएलडी शहर में कुल पानी की आवश्यकता
70
एमएलडी यमुना से सप्लाई होने वाला पानी
238.5
एमएलडी सप्लाई होने वाला भूगर्भ जल
05
लाख शहर में कुल बिजली कनेक्शन
1.25
लाख कनेक्शन की आवश्यकता
30
फीसदी एवरेज लाइन लॉस
18
घंटे है एवरेज पर डे बिजली सप्लाई
2.15
लाख शहर में कुल रजिस्टर्ड घर
1.25
लाख नए घर की आवश्यकता
1.5
लाख पीएम आवास योजना के लिए आवेदन
1.5
लाख जिले में कुल रोजगार के लिए आवेदन
11
हजार मुद्रा योजना के लिए टारगेट
33
हजार मुद्रा योजना के लिए आवेदन
जनसंख्या पखवाड़ा मनाया जरूर जाता है लेकिन जमीनी तौर पर कुछ खास असर नहीं दिखता। जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। यही हाल रहा तो मूलभूत जरूरतों के लिए तरसेंगे लोग।
अंकित सिंह
अभी शहर के कई घरों में पानी की सप्लाई नही हो सकी है। लोग अपने संसाधन से पानी की कमी को पूरा कर रहे हैं। इससे निपटने के लिए जरूरी है कि लोग जागरुक होकर परिवार नियोजन की सहारा लें।
संदीप सिंह
बढ़ती आबादी में सभी को बराबर बिजली देना आसान नही है। हजारों घरों में कटियामारी हो रही है। विभाग उनको पकड़ नही पा रहा। जनसंख्या कम होती तो लोगों को सस्ती बिजली मिलती।
अभिनव तिवारी
रोजगार अनबूझ पहेली बन चुका है। हर साल इतने ज्यादा ग्रेजुएट तैयार हो रहे हैं। सभी को नौकरी मिलना मुश्किल है। जो भी भर्ती निकलती हैं वह ऊंट के मुंह में जीरे के सामान होती हैं।
रामजी