क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रिम्स में आए दिन अव्यवस्था देखने को मिलती है. कभी मरीज परेशान तो कभी उन्हें दवा के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है. लाख कोशिश के बावजूद भी रिम्स प्रबंधन हॉस्पिटल की व्यवस्था दुरुस्त नहीं कर पा रहा है. अब सेंट्रल कलेक्शन सेंटर में मरीजों का सैंपल भी लिमिटेड कर दिया गया है. इससे मरीजों को 50 रुपए के टेस्ट के लिए 500 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं. बताते चलें कि रिम्स में सरकारी रेट पर ही मरीजों के सभी टेस्ट किए जाते हैं. वहीं 250 रुपए तक के सैकड़ों टेस्ट भी फ्री में करने का आदेश है.

दो माह से बायोकेमिस्ट्री मशीन खराब

सेंट्रल कलेक्शन सेंटर में हर दिन 200-250 मरीज टेस्ट कराने के लिए आते हैं, जहां 150 मरीजों का सैंपल बायोकेमिस्ट्री के टेस्ट के लिए कलेक्ट किया जाता था. बायोकेमिस्ट्री की मशीन दो महीने से खराब रहने के कारण सैंपल लैब मेडिसीन में भेज दिया जाता था. अब उन्होंने भी केवल 20-25 सैंपल ही लेने का निर्देश दे दिया है, जिससे कि सेंट्रल कलेक्शन में आने वाले मरीजों की परेशानी बढ़ गई है.

टेस्ट लिमिटेड पर काट रहे पर्ची

लिमिटेड सैंपल कलेक्शन कर दिए जाने से मरीजों की परेशानी काफी बढ़ गई है. कैश काउंटर से उनकी पर्ची तो काटी जा रही है लेकिन सेंट्रल कलेक्शन सेंटर पर जाते ही उन्हें निराशा हाथ लग रही है. आखिर वहां से मरीजों को खाली हाथ जो लौटना पड़ रहा है. ऐसे में उन्हें पैसे लौटाने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

सैंपल देने को भी इंतजार

इलाज के लिए आने वाले मरीजों को सैंपल कलेक्शन के लिए भी वेटिंग मिल रही है. उन्हें सैंपल देने के लिए दो-तीन दिन बाद आने को कहा जा रहा है. इस चक्कर में दूर-दराज से आने वाले मरीजों के पास रुकने के अलावा कोई चारा नहीं है. वहीं जो इंतजार नहीं करना चाहते उनकी जेब पर पांच-दस गुना अधिक बोझ बढ़ रहा है.

डायरेक्टर का आदेश भी बेअसर

बायोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट की मशीन दो महीने से खराब पड़ी है. इस वजह से दर्जनों टेस्ट बंद हो गए है. इसे लेकर डायरेक्टर ने मशीन सप्लाई करने वाली कंपनी को नोटिस भेजने का भी आदेश दिया था ताकि मशीन को तत्काल दुरुस्त कराया जा सके. लेकिन आजतक मशीन को दुरुस्त नहीं कराया जा सका है. वहीं विभाग के अधिकारी भी इस मामले में मौन है.