- जुलाई में एक साल में सबसे अधिक कटी बिजली

- बिजली कटौती के कारण शहर में 35 प्रतिशत पहुंच गया लाइन लॉस

GORAKHPUR: शहर में कटौती का दौर शुरू हो गया है। पिछले एक साल के रिकार्ड में जुलाई और अगस्त माह में सबसे अधिक कटौती हुई है। बिजली विभाग के सप्लाई रिकार्ड पर नजर डालें तो तीन साल पहले शहर में जितनी सप्लाई होती थी, उतने ही घंटे की सप्लाई इस साल हो रही है। यही नहीं पिछले एक साल से रात को भी कटौती का दौर जारी है। लाइन लॉस का खामियाजा पब्लिक को कटौती के रूप में भुगतना पड़ रहा है।

तीन साल में केवल नौ प्रतिशत कम

जिम्मेदारों के मुताबिक शहर में बिजली कटौती कम करने के लिए 2012 में लाइन लॉस रोकने की योजना बनाई गई थी। इसमें सबसे अधिक लाइन लॉस वाले एरिया में बिजली चेकिंग अभियान चलाना और शॉर्ट सर्किट सहित लोकल फॉल्ट कम करना तय हुआ। 2012 में लाइन लॉस लगभग 39 प्रतिशत था। वर्तमान हाल ये है कि साढ़े तीन साल में बिजली विभाग की टीम केवल नौ प्रतिशत ही लाइन लॉस कम कर पाई है। जबकि सरकारी आदेश की बात करें तो प्रत्येक साल इसे कम से कम पांच प्रतिशत कम करना था। वहीं, पिछले एक साल में ये कम होने की जगह एक प्रतिशत बढ़ ही गया है। 2015 में शहर में लाइन लॉस 29 प्रतिशत था, जबकि इस समय 30 प्रतिशत पार कर गया है।

यहां है सबसे अधिक प्रॉब्लम

यहां सूरजकुंड, दुर्गाबाड़ी, शाहपुर, रुस्तमपुर एरिया में सबसे अधिक लाइन लॉस की दिक्कत है। इस एरियाज में जहां बिल वसूली भी कम हो रही है वहीं, तकनीकी प्रॉब्लम के कारण भी लाइन लॉस अधिक हो रहा है। सूरजकुंड और दुर्गाबाड़ी की स्थिति यह है कि यहां डेली सात से आठ घंटे कटौती हो रही है, जबकि यहां दिन में चार घंटे केवल मरम्मत के नाम पर बिजली कट रही है। वहीं, यहां रात को भी एक घंटे तक एक्स्ट्रा कटौती हो रही है।

मंथ ईयर बिजली सप्लाई (औसतन घंटों में)

जुलाई 2013 16 घंटा

जुलाई 2014 18 घंटा

जुलाई 2015 21 घंटा

जुलाई 2016 19 घंटा

अगस्त 2013 17 घंटा

अगस्त 2014 17 घंटा

अगस्त 2015 21 घंटा

अगस्त 2016 18.30 घंटा

वर्जन

लाइन लॉस कम करने की कोशिश हो रही है। बिजली बिल वसूली बढ़ाई गई है। चल रहे कार्य हो रहे हैं। उनके पूरा हो जाने से तकनीकी लाइन लॉस भी कम हो जाएगा।

- एके सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम