-617 देशी-विदेशी दुकानों में से 292 दुकानों का आवंटन होना बाकी

-डिपार्टमेंट अडिग, शासन के निर्देशानुसार कम नहीं होंगे दुकानों के रेट्स

देहरादून

फाइनेंशियल ईयर शुरू हुए 24 दिन बीत चुके हैं, लेकिन 617 देशी-विदेशी शराब की दुकानों में से 292 दुकानों का आवंटन अब तक नहीं हो पाया है. ऐसे में आबकारी विभाग के लिए इन दुकानों का आवंटन कर पाना एक बड़ी चुनौती बन गया है. खुद विभाग समझ नहीं पा रहा है कि कैसे इन दुकानों का आवंटन हो पायेगा. विभाग यह भी कहने से नहीं चूक रहा है कि दुकानों के आवंटन में शासन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक रेट बिल्कुल भी कम नहीं हो पाएंगे. हालांकि, विभाग के मुताबिक मंडे को राज्य में 13 दुकानों के आवंटन होने की बात कही गई है.

18 वर्षो में पहली बार ऐसी स्थिति

राज्य गठन के बाद यह पहला मौका है, जब शराब की दुकानों के आवंटन में विभाग के पसीने छूट गए हैं. शासन ने पिछले वर्षो की तर्ज पर इस बार भी 20 परसेंट रेट में बढ़ोत्तरी का फैसला लिया था. इसके लिए 3180 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है. उम्मीद की जा रही थी कि गत वर्षो की तरह इस बार भी शराब की दुकानों का आवंटन हो पाएगा और विभाग अपने राजस्व को अर्जित करने में सफलता हासिल कर लेगा. लेकिन, महीना बीतने के करीब है, अब तक करीब 292 दुकानों का आवंटन होना बाकी है.

292 दुकानों से मिलेगा 920 करोड़

विभागीय अधिकारी मान रहे हैं कि इसकी वजह लोकसभा चुनाव भी रहे हैं. कुछ अधिकारी कह रहे हैं कि अब शेष रह गई दुकानों में से इतनी संख्या में आवंटन हो पाना मुश्किल होगा. बताया जा रहा है कि दुकानों का आवंटन न होने पाने पर डेलीबेसेस के आधार पर दुकानें आवंटित हो सकती हैं. ताया जा रहा है कि अभी राज्य में जिन करीब 292 दुकानों का आवंटन होना है, उनसे करीब 920 करोड़ का राजस्व आना बाकी है.

ओवर प्राइसिंग की भी शिकायतें

जिन दुकानों का आवंटन हो चुका है, उनमें ओवर प्राइसिंग की लगातार शिकायतें आ रही हैं. इन दुकानों द्वारा आसपास की दुकानें आवंटित न होने का फायदा उठाया जा रहा है. विभाग भी दुकानों की सेल न हो पाने के कारण कार्रवाई कर पाने में बौना साबित हो रहा है. आबकारी आयुक्त भरोसा दे रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के चक्कर में थोड़ा दिक्कत रही हैं, खरीदार पैसे के इंतजाम में जुटे हुए हैं. आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले वर्ष इस अवधि तक देहरादून करीब 44 करोड़ की शराब गोदाम से उठाई जा चुकी थी, लेकिन इस बार करीब 10 करोड़ कीमत तक की ही खपत हो पाई है. दुकानों के आवंटन में प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन शासन के मुताबिक रेट में कोई समझौता नहीं होगा. कारण, पहले जिन दुकानों का आवंटन हुआ है, उन्हें भी 20 परसेंट बढ़ोत्तरी रेट पर दिया जा चुका है.

डीईओ भी डिपार्टमेंट के रडार पर

सूत्राें के अनुसार लोकसभा चुनाव तक दुकानों का आवंटन न हो पाया तो सरकार नया फॉर्मूला ढूंढ सकती है. जिस पर मंथन शुरू कर दिया गया है. वहीं ऐसे डीईओ (जिला आबकारी अधिकारियों) की भी सूची तैयार की जा रही है, जो दुकानों के आवंटन में अपनी परफोर्मेस नहीं दिखा रहे हैं. हालांकि इससे पहले 13 में से 11 डीईओ को नोटिस भी दिया जा चुके हैं.

जिलेवार बाकी रह गई दुकानें

अल्मोड़ा--34

बागेश्वर--7

नैनीताल--18

ऊधमसिंहनगर--63

हरिद्वार--75

चमोली--4

पौड़ी--17

टिहरी--7

रुद्रप्रयाग--1

देहरादून--36

उत्तरकाशी--6

पिथौरागढ़--20

चंपावत--4