जनवरी रहा सूखा, नवंबर भी रहेगा

विवाह के कारक ग्रह शुक्र के अस्त होने से जनवरी में शादियों का एक भी मुहूर्त नहीं था। नवम्बर भी शादियों के लिहाज से सूखा रहेगा। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि मांगलिक कार्यो के प्रतीक ग्रह शुक्र व बृहस्पति के अस्त होने से इस साल मुहूर्त की संख्या काफी कम है।

मुहूर्त में कमी की वजहें

16 जनवरी से शुरू होकर दो फरवरी तक शुक्र ग्रह अस्त रहा, 15 मार्च से 16 अप्रैल तक एक माह का खरमास रहेगा, 16 मई से 13 जून तक अधिक मास रहने से विवाह का मुहूर्त नहीं है, 23 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चार्तुमास प्रारंभ हो जाएगा, 11वें महीने नवम्बर बृहस्पति ग्रह अस्त रहेगा, 13 नवम्बर से सात दिसम्बर तक शुक्र ग्रह अस्त रहेगा, 16 दिसम्बर से 13 जनवरी 2019 तक खरमास रहेगा।

इस साल के मुहूर्त

फरवरी

7, 10, 12, 14, 18, 19, 20, 23, 24, 25 व 28 फरवरी

मार्च

दो, तीन, पांच, छह, सात, आठ व 12 मार्च

अप्रैल

18, 19, 20 और 24 से लेकर 30 तक

मई

एक से छह और 11, 12 व 13

जून

14, 18, 20, 21, 23, 26, 27 व 30

जुलाई

चार, पांच, छह, नौ, 11 व 15

चार से सहालग का सीजन

पिछले वर्ष 16 दिसम्बर से खरमास प्रारंभ हो गया था जो मकर संक्रांति के दिन समाप्त हुआ। लेकिन विवाह के कारक ग्रह शुक्र के उत्तर दिशा में अस्त होने से पूरी जनवरी शादी-ब्याह का एक भी मुहूर्त नहीं मिला। ज्योतिषाचार्य पं। विद्याकांत पांडेय ने बताया कि साल का शुभारंभ ही शुक्र ग्रह के अस्त होने से हुआ था। तीन फरवरी को शुक्र ग्रह का उदय भोर में तीन बजे पश्चिम दिशा में होने के बाद मांगलिक कार्यो का सिलसिला शुरू होगा।

अधिक मास हर तीन साल में एक बार आता है। इस बार तो अधिक मास के अलावा खरमास व चातुर्मास और शुक्र ग्रह के अस्त होने से शादी-ब्याह के बहुत ही कम मुहूर्त मिले हैं।

पं। विनय कृष्ण तिवारी, ज्योतिषाचार्य